हाईकोर्ट ने पूछा- तालाबों के संरक्षण, विकास और सौदर्यीकरण के लिए अभी तक क्या-क्या किया
हाईकोर्ट ने पूछा- तालाबों के संरक्षण, विकास और सौदर्यीकरण के लिए अभी तक क्या-क्या किया
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, नगर निगम, जेडीए, झील संरक्षण प्राधिकरण और एपको से पूछा है कि जबलपुर के तालाब-ताल और तलैयों के संरक्षण, विकास और सौदर्यीकरण के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए और आगे क्या योजना है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस अंजुली पालो की युगल पीठ ने अनावेदकों को तीन सप्ताह में संयुक्त बैठक कर जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है।
तालाबों के संरक्षण और सौदर्यीकरण के लिए कई बार निर्देश जारी किए थे
जबलपुर के 52 तालाब, ताल और तलैयों के संरक्षण और सौदर्यीकरण के लिए गढ़ा गौड़वाना संरक्षण ने वर्ष 1997 में जनहित याचिका दायर की थी। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने वर्ष 2015 में जनहित याचिका दायर तालाबों का संरक्षण के लिए निर्देश देने का आग्रह किया था। दोनों जनहित याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कई बार तालाबों के संरक्षण और सौदर्यीकरण के लिए कई बार निर्देश जारी किए थे, लेकिन राज्य सरकार, नगर निगम, जेडीए और अन्य अनावेदकों की ओर से कार्रवाई का ब्यौरा पेश नहीं किया गया।
मिट रहा है तालाबों का आस्तित्व
उपभोक्ता मंच की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने कहा कि शहर के तालाबों, ताल और तलैयों के संरक्षण और विकास की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, इसकी वजह से तालाबों, ताल और तलैयों का आसित्व धीरे-धीरे मिटता जा रहा है। तालाबों में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो गए है। गंदा पानी मिलने से प्रदूषण फैल रहा है। सुनवाई के बाद युगल पीठ ने राज्य सरकार, नगर निगम, जेडीए, झील संरक्षण प्राधिकरण और एपको को निर्देश दिया है कि तीन सप्ताह के भीतर संयुक्त बैठक की जाए। बैठक में ताल-तलैयों के संरक्षण, विकास और सौदर्यीकरण की योजना तैयार की जाए। तीन सप्ताह में तालाबों, ताल, तलैयों के संरक्षण, विकास और सौदर्यीकरण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी पेश की जाए। सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह और राज्य सरकार की ओर से सौरभ सुंदर ने पक्ष रखा।