दुर्घटना का वीडियो बनाने की बजाए मदद करें , लोगों को दिए प्रशिक्षण से बची 500 लोगों की जान 

दुर्घटना का वीडियो बनाने की बजाए मदद करें , लोगों को दिए प्रशिक्षण से बची 500 लोगों की जान 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-11 08:45 GMT
दुर्घटना का वीडियो बनाने की बजाए मदद करें , लोगों को दिए प्रशिक्षण से बची 500 लोगों की जान 

डिजिटल डेस्क,नागपुर। शहर में दुर्घटनाओं का प्रमाण बढ़ रहा है। बावजूद लोगों में इन्हें बचाने की भावना नहीं बढ़ रही है, बल्कि वीडियो बनाने में जुट जाते हैं। ऐसे में एक संस्था ने ऐसे लोगों की मदद करने के लिए पान टपरी से लेकर ऑटो चालकों को प्रशिक्षित कर रही है। जिनके माध्यम से गत कुछ वर्षों में 5 सौ से ज्यादा लोगों की जान बचाने में सफलता मिली है। नागपुर शहर में जिस तरह से हर दिन वाहनों की संख्या बढ़ रही है। दुर्घटनाओं का प्रमाण भी बढ़ रहा है। कई वाहन चालक बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं। इन्हें जल्द अस्पताल ले जाने की जरूरत होती है। ऐसा संभव नहीं होने पर प्राथमिक उपचार की जरूरत होती है, ताकि उनकी जान बच सके, लेकिन अवेयरनेस की कमी के कारण दुर्घटना के बाद घायल की मदद करने के लिए कोई सामने नहीं आता, बल्कि सोशल मीडिया पर इसे वायरल करने के लिए लोग वीडियो बनाने में जुट जाते हैं। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं को देखते हुए सड़क दुर्घटना आपदा व्यवस्थापन अनुसंधान केन्द्र की ओर से अध्यक्ष राजू वाघ के नेतृत्व में सड़क किनारे दुकान लगाने वाले, पान टपरी चलाने वाले, चाय बेचने वाले, यहां तक ऑटो वालों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एक हजार से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण देकर दुर्घटना के बाद पहले क्या करना चाहिए, सिखाया जा रहा है। जिसके चलते अब तक 5 सौ से ज्यादा लोगों की जान आमजन के कारण ही बच पाई है।  

वसूली अधिकारी ने कंपनी को ही लगाई 2.5 लाख की चपत

ग्राहकों के नाम पर खुद कर्ज लेकर बजाज फाइनेंस कंपनी को कंपनी के ही एक अधिकारी ने चूना लगा दिया। प्रकरण का खुलासा होने पर आरोपी के खिलाफ मंगलवार को नंदनवन थाने में मामला दर्ज िकया गया। आरोपी गौरव मनेाहर आदमने (30), रमना मारोती नगर निवासी है तथा बजाज फाइनेंस कंपनी में बतौर वसूली अधिकारी था। दिसंबर 2018 से फरवरी 2019 के बीच में कंपनी में कर्ज के लिए आवेदन करने वाले लोगों को कर्ज मंजूर होने के बाद भी गौरव ने उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी। लिहाजा ग्राहकों के आधार कार्ड, पेन कार्ड, पासबुक, बिजली बिल आदि दस्तावेजों के आधार पर खुद ही ग्राहकों के नाम पर कर्ज ले लिया। इससे कंपनी को 2 लाख 63 हजार 522 रुपए का नुकसान हुआ है। जब कंपनी के दूसरे अधिकारियों ने कर्ज वसूली के लिए संबंधित ग्राहकों से संपर्क िकया, तब प्रकरण का खुलासा हुआ। मामला थाने पहुंचा। जांच जारी है। 

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