ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और बेड की कमी को लेकर 3.30 घंटे चली सुनवाई, 19 को आदेश पारित

ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और बेड की कमी को लेकर 3.30 घंटे चली सुनवाई, 19 को आदेश पारित

Bhaskar Hindi
Update: 2021-04-15 17:06 GMT


डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में गुरुवार को कोरोना के इलाज में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर, निजी अस्पतालों में अवैध वसूली, बेड की कमी और सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्थाओं को लेकर लगभग 3.30 घंटे तक सुनवाई चली। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच ने निर्णय सुरक्षित रखते हुए राज्य सरकार को कोरोना के इलाज की व्यवस्थाओं को लेकर आगे की योजना पेश करने का निर्देश दिया है। डिवीजन बैंच इस मामले में 19 अप्रैल को आदेश पारित करेगी।
मरीज छोड़कर निजी अस्पताल के डॉक्टर ऑक्सीजन सिलेंडर की लाइन में लगे-
कोर्ट मित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने कहा कि निजी अस्पतालों के डॉक्टर मरीजों को छोड़कर ऑक्सीजन सिलेंडर की लाइन में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट पूर्व में इलाज के रेट और अन्य सुविधाओं पर आदेश जारी कर चुकी है, उन आदेशों का पालन करने की जरूरत है।
डॉक्टर ने लिखा रेमडेसिविर इंजेक्शन, एडीएम ने कहा- नहीं लगेगा
कोरोना के इलाज को लेकर मचे हाहाकार पर राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने पत्र याचिका दायर कर त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि नरसिंहपुर में एक कोरोना मरीज को डॉक्टर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन लिखा, लेकिन वहाँ के एडीएम ने कह दिया कि रेमडेसिविर नहीं लगेगा। इस पर चीफ जस्टिस ने नेशनल हेल्थ मिशन की डायरेक्टर छवि भारद्वाज से पूछा कि कोरोना का इलाज किसके कहने पर होगा। डायरेक्टर ने स्पष्ट किया कि डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन पर ही इलाज होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों के 79 प्रतिशत और चिकित्सा अधिकारियों के 30 प्रतिशत पद रिक्त हैं। अधिवक्ता शशांक शेखर ने कहा कि शहर और गाँव में समान अनुपात में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर का वितरण होना चाहिए।
लोग सहयोग देने के लिए तैयार, लेने वाला नहीं-
श्री तन्खा ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में सभी लोग सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन कोई लेने वाला ही नहीं है। मैं स्वयं अपनी सांसद निधि से एक करोड़ देने को तैयार हूँ, लेकिन अभी तक किसी ने भी चर्चा नहीं की है।
ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी नहीं-
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है। प्रशासनिक नियंत्रण में रेमडेसिविर का वितरण किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में बेडों की संख्या 19,948 से बढ़ाकर 44126 और निजी अस्पतालों में 16,756 से बढ़ाकर 18923 की जा रही है।
शव देने से इनकार कर रहे निजी अस्पताल-
अधिवक्ता अजय रायजादा ने कहा कि निजी अस्पताल बिल चुकाने में असमर्थ लोगों के परिजनों का शव देने से इनकार कर रहे हैं। अधिवक्ता संजय वर्मा और शेखर शर्मा ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन 18 हजार रुपए तक में बेेचा जा रहा है।

 

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