स्वास्थ विभाग सकते में एक ही मोहल्ले में 25 लोगों को मलेरिया के लक्षण
स्वास्थ विभाग सकते में एक ही मोहल्ले में 25 लोगों को मलेरिया के लक्षण
डिजिटल डेस्क बालाघाट । लोगों में सर्दी और बुखार के लक्षण होने की खबर के बाद बालाघाट के आदिवासी बाहुल्य बैहर के हर्रा भटा गांव में आज स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची, टीम को यह संदेह था कि इतने लोगो में एक साथ सर्दी बुखार के लक्षण कहीं कोरोंना वायरस के कारण तो नहीं है। लोगों के सैंपल कलेक्ट और जब जांच के नतीजे आए तो स्वास्थ विभाग की टीम भी सकते में आ गई। कुल 170 लोगों की बस्ती में 30 से अधिक लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए।
रविवार को मौके पर बालाघाट के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडे ने पहुंचकर ग्रामीणजनो का उपचार कर उन्हें दवाईयों का वितरण किया। बीएमओ द्वारा गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार ग्रामीणों में एक विशेष तरह के मलेरिया जिसे फेल्सिफेरम कहा जाता है के लक्षण पाए गए हैं। इस गांव में कुछ श्रमिक मई माह के मध्य में हैदराबाद से लौटे थे जिसके बाद 21 मई को एक तीन साल का बच्चा बुखार से ग्रसित पाया गया। देखते ही देखते गांव में कई लोगों में बुखार के लक्षण आने के बाद स्वास टीम ने मौके पर पहुंचकर लोगों के टेस्ट किए जिसमें गांव के लगभग 30 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए।
- गांव में 170 लोगों की है आबादी
जानकारी के अनुसार हर्राटोला में तकरीबन 170 लोगों की आबादी हैं। इस टोले में मलेरिया विभाग ने जब मरीजों की जांच प्रारंभ की तो एक के बाद एक ग्रामीणों की मलेरिया पीएफ पॉजिटिव रिपोर्ट आने से स्वास्थ्य अमला भी हतप्रभ रह गया। जानकारी के अनुसार गांव में अलग-अलग स्थानों से तकरीबन 70 मजदूर गांव पहुंचे हैं। जिन्हें वापस लौटने के बाद क्वारेंटाईन में रखा गया था। इसी दौरान उसमें से किसी को मलेरिया होने के बाद यह यह गांव के ग्रामीणो में फैल गया।
ऐसे फैला संक्रमण...
बैहर बीएमओ श्री कुंभरे का कहना रहा कि प्रवासी मजदूर हैंदराबाद, आंध्रप्रदेश से आए हुए हैं। जिनमे मलेरिया का लक्ष्ण रहा होगा तो एक तीन साल के बच्चे को मलेरिया हुआ। चंूकि यह संक्रमण बीमारी है जिससे यह फैल गया हो गया। हालाकि जिले मे मलेरिया कंट्रोल में है फिर भी पूरी तरह से एहतियात बरत रहें हैं।