संयम रत्न पिच्छिका परिवर्तन का हुआ भव्य कार्यक्रम
बालाघाट संयम रत्न पिच्छिका परिवर्तन का हुआ भव्य कार्यक्रम
डिजिटल डेस्क,बालाघाट। शहर के महावीर भवन में शुक्रवार को दिगंबर जैन पंचायत समिति की ओर से अहिंसा, संयम रत्न पिच्छिका परिवर्तन समारोह का आयोजन किया गया। आचार्य विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य, पाठशाला प्रेरक पंपू मुनिश्री 108 निर्णय सागर जी महाराज और पपू 105 क्षुल्लक नैगम सागर जी महाराज के चातुर्मास संपन्न होने के बाद अहिंसा और संयम धर्म घोतक पिच्छिका परिवर्तन किया गया।
जैन समाज के अध्यक्ष सुशील जैन, दिगंबर जैन पंचायत समिति के सचिव संजय जैन व उपाध्यक्ष राजकुमार जैन ने बताया कि पिच्छिका दिगंबर जैन साधुओं के पास रहने वाला मयूर पंखों से बना वह उपकरण कहलाता है, जिससे सूक्ष्म जीवन हिंसा रोका जाता है। प्रत्येक एक साल की अवधि के बाद उक्त पिच्छिका का परिवर्तन किया जाता है। यह परिवर्तन उसी स्थान पर किया जाता है, जहां मुनिश्री का चातुर्मास संपन्न होता है। समारोह में साधुओं को नई पिच्छिका दी जाती है और उनसे पुरानी पिच्छिका प्राप्त की जाती है। शुक्रवार को महावीर भवन में सकल जैन समाज व मप्र से विभिन्न स्थानों से आए श्रावकगणों की भारी उपस्थिति रही।
तप करने वालों को मिलती है पिच्छी
मुनिश्री निर्णय सागर महाराज की पुरानी पिच्छी चक्रेश-लता जैन को व क्षुल्लक नैगम सागर जी महाराज की पुरानी पिच्छी श्रीमति वंदना, पुत्र सार्थक जैन को सौभाग्य प्राप्त हुआ। बताया गया कि मुनिश्री की पुरानी पिच्छी और उन्हें नई पिच्छी देने का सौभाग्य सिर्फ उन्हें ही प्राप्त होता है, जो नियमित पूजा-अर्चना, अभिषेक करते हैं। व्रत-उपवास रखते हैं। रात्रि भोजन, जमी-कंद का का त्याग करते हैं।