ओएलएक्स पर सस्ते वाहन बेचने का लालच,फर्जी सैन्य कर्मी बनकर की ऑनलाइन ठगी ,एक गिरफ्तार
ओएलएक्स पर सस्ते वाहन बेचने का लालच,फर्जी सैन्य कर्मी बनकर की ऑनलाइन ठगी ,एक गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। फर्जी सैन्य कर्मी बनकर ठगी करने वालों का एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है। इसमें वे अपने आप को सैन्य कर्मी बताकर लोगों को ओएलएक्स पर सस्ते वाहन बेचने का लालच देकर उनसे ऑनलाइन पेमेंट लेते हैं और वाहन की डिलेवरी नहीं देकर ठगी करते हैं। इस मामले में साइबर क्राइम, जबलपुर रेंज के एसपी अंकित शुक्ला ने जानकारी दी है कि प्रदेश भर में करीब सवा सौ मामले सामने आए हैं। एक मामला, जिसमें दो मारूति ऑल्टो कार बेचने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले आरोपी गजेन्द्र सिंह चम्पावत को पकड़ा गया है, इसे विपिन ताम्रकार, स्वेता सिंह, अजीत गौतम, आसिफ खान, अमित गुप्ता, आशीष पटेल आदि ने राजस्थान के श्याम नगर सोडाल से पकड़ा है। गजेन्द्र सिंह ने संजय मेहरोत्रा को भी कार बेचने के नाम पर ठगा था। इस आरोपी के अकाउंट में ठगी के पैसे आए थे। लोगों से आग्रह किया गया है कि लोग इस तरह की किसी धोखाधड़ी में न आएं और किसी सैन्य कर्मी के नाम का उपयोग करने वाले से सामान की खरीदी न करें।
जेल में बनी थी व्यापारी से लूट की योजना
बेलखेड़ा के झलोन ग्राम निवासी आशीष जैन पर बेसबॉल के डंडे से हमला एवं फायरिंग कर लूट की वारदात की योजना जेल में बनी थी। व्यापारी के 95 हजार रुपये एवं बही खाते जो कि काले रंग के बैग में रखे थे आरोपी चुराकर ले गए थे। आरोपियों से 60 हजार रुपये एवं दो कट्टे और कारतूस के अलावा दो बाइकें तथा 5 मोबाइल भी बरामद किये गए हैं। जिन आरोपियों को पकड़ा गया है उनमें पाटन के भमक पिपरिया का रहने वाला रंजीत सिंह, सिमरिया ग्राम का धर्मेन्द्र सिंह लोधी एवं अजीत सिंह, झलोन का शुभम सेन शामिल हैं। इस मामले में एक आरोपी दुर्गेश अभी फरार है। इस मामले में एसपी अमित सिंह, एएसपी आरएस नरवरिया ने जानकारी दी है कि 21 जुलाई की रात करीब साढ़े 8 बजे आशीष जैन अपने नौकर मोनी यादव के साथ झलोन जा रहा था। उसी समय आरोपियों ने आशीष जैन मोनी यादव पर हमला बोल दिया उसके बाद फायरिंग की गई तो वे डर कर खेत की तरफ भागे तो लुटेरों ने रुपये से भरा बैग लूट लिया जिसमें 95 हजार रुपये थे।
चोरी की थी बाइक
खोजबीन के दौरान पता चला कि आरोपी जो बाइक छोड़कर भागे थे वह चोरी की थी। एसडीओपी एसएन पाठक के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी आसिफ इकबाल एवं उनकी टीम ने खोजबीन की तो पता चला कि दुर्गेश उर्फ दुर्गी ने जेल में ही अपने साथियों के साथ मिलकर लूट की योजना बनाई थी।