महिला केटरिंग कर्मचारी की हत्या के आरोप में पिता-पुत्री को जेल

सतना महिला केटरिंग कर्मचारी की हत्या के आरोप में पिता-पुत्री को जेल

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-30 11:57 GMT
महिला केटरिंग कर्मचारी की हत्या के आरोप में पिता-पुत्री को जेल

डिजिटल डेस्क,सतना। मारपीट में घायल महिला केटरिंग कर्मचारी की मौत के बाद मैहर पुलिस ने हत्या का अपराध दर्ज कर पिता-पुत्री को गिरफ्तार किया है। टीआई विद्याधर पांडेय ने बताया कि उचेहरा थाना क्षेत्र के रमपुरवा की निवासी केशकली पति संतोष ढीमर 33 वर्ष, मैहर के कछियान मोहल्ला में रहने वाले राजधर दुबे उर्फ पोट्टन महाराज 48 वर्ष, की केटरिंग में काम करती थी। बीते 24 मई को वह एक महीने की 12 हजार रुपए मजदूरी मांगने के लिए राजधर के घर पहुंची तो आरोपी और उसकी बेटी प्रियंका उर्फ रन्नू दुबे 26 वर्ष, ने गाली-गलौज करते हुए लात-घूसों से जमकर मारपीट कर दी। इस घटना में महिला को गंभीर चोट आने पर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां हालत में सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टर ने एसजीएमएच रीवा के लिए रेफर कर दिया। रीवा में उपचार के दौरान 27 मई को केशकली की मौत हो गई। पीएम रिपोर्ट में छोटी आंत फटने और संक्रमण फैलने से मृत्यु की बात सामने आई।
मर्ग डायरी मिलते ही कायमी---
रीवा से मर्ग डायरी रविवार सुबह  मैहर आते ही आईपीसी की धारा 302, 294 और 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी पिता-पुत्री को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों को रविवार दोपहर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें सेंट्रल जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी के साथ एसआई हेमंत शर्मा, अजय अहिरवार, मोहिनी शर्मा, प्रधान आरक्षक विनोद सिंह, आरक्षक संजय तिवारी और पंकज मिश्रा शामिल थे।दो बच्चों के साथ मादा सांप का सफल रेस्क्यू
डिजिटल डेस्क, पन्ना। बीती रात 28 मई 2022 को अजयगढ़ नगर परिषद अंतर्गत वार्ड क्रमांक 14 बांदा रोड में रहने वाले राजू गुप्ता के मकान में सांप घुसने की सूचना प्राप्त हुई। अजयगढ़ वन मंडल अधिकारी के निर्देश में रात्रि में ही रेस्क्यू टीम गठित कर मौके के लिए रवाना की गई। रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंचकर सांप को पकडऩे के लिए रेस्क्यू शुरू किया जहां पता चला कि सांप के साथ दो छोटे सर्प बच्चे भी हैं। रात होने के कारण रेस्क्यू में काफी कठिनाई आई पर लगभग 2 घंटे की मशक्कत के बाद मादा सांप को पकडऩे में सफलता मिली। इसके बाद दोनों छोटे सर्प बच्चों को भी रेस्क्यू कर पकड़ा गया और जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया। सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों को पकडऩे में आई क्योंकि छोटे होने की वजह से फर्श की दरारों में छिप रहे थे।


 

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