फार्म हाउस मालिक ने बंदरों के पीने के पानी में मिलाया जहर - 7 की मौत
फार्म हाउस मालिक ने बंदरों के पीने के पानी में मिलाया जहर - 7 की मौत
डिजिटल डेस्क, बालाघाट। यहां एक फार्म हाऊस मालिक द्वारा बंदरों के पीने के पानी में जहर मिला कर सात बंदरों को असमय काल के गाल में झोंक दिया। इस संबंध में बताया गया है कि सामान्य वन परिक्षेत्र के ग्राम मेहदोली में 4 बंदरो व उनके 3 बच्चो सहित कुल 7 बंदरो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाने का मामला प्रकाश आया है। मेहदोली में पल्लव पटेल के फार्म हाउस से कुछ दूरी पर स्थित नहर के पास आम व महुए के पेड़ के नीचे एक मादा बंदर,उसी जगह से लगभग 50 मीटर दूरी पर एक नर व एक मादा बंदर व 15-20 मीटर की दूरी पर 2 मादा बंदर सहित कुल 7 बंदर संदिग्ध रूप से मृत अवस्था में पाए गए थे।मृत बंदरो के मुंह से झाग व पिछले हिस्से से खून निकलना पाया गया।ग्रामीणों द्वारा तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी।सूचना मिलते ही वन अमले के साथ मौके पर पहुंचे।वन अमले द्वारा मृत बंदरो के शव को अपनी अभिरक्षा में लेकर पंचनामा कार्यवाही की गई।और पोस्टमार्टम हेतु बंदरो के शव को ले जाया गया। जहां वरीष्ठ पशु चिकित्सक एन डी पूरी द्वारा बंदरो के शव का पोस्टमार्टम कर फारेंसिक जांच हेतु मृत बंदरो का विसरा संग्रह किया गया।जिसके बाद वन अमले द्वारा मृत बंदरो के शवों का विधिवत अंतिम संस्कार कर दिया गया।इस दौरान पशु चिकित्सक द्वारा प्रथम दृष्टया बंदरो की मौत की वजह जहर के सेवन किए जाने से होने की आशंका व्यक्त की गई थी।
बंदरो को मारा है
वन अमला बंदरो को जहर देकर मारने वाले अज्ञात व्यक्ति की खोजबीन में ही जुटा हुआ था।इसी बीच जिले में पदस्थ वन विभाग के एक आला अधिकारी को मुखबिर द्वारा मामले से जुड़ी कई अहम जानकारीया दी गई।जिसके बाद हरकत में आए वन अमले द्वारा घटना के एक दिन बाद 28 मई को घटनास्थल से लगे पल्लव पटेल के फार्महाउस में काम करने वाले कर्मचारी नौहर सिंह को परिक्षेत्र कार्यालय लाकर जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने घटना का राज खोला।नौहर सिंह ने वन विभाग को दिए अपने कथन में बताया कि 26 मई की दोपहर लगभग 11 बजे मैंने पल्लव पटेल के कहने पर लोहे के घमेले में बंदरों को पानी पिलाने के लिए पानी भरकर फार्म हाउस के पीछे से जाने वाली नहर के किनारे आम के पेड़ के नीचे रखा था।उसके बाद पल्लव पटेल ने फार्म हाउस के कमरे के अंदर से जहर लाकर पानी से भरे घमेले में डालकर लकड़ी से मिलाया।उसके बाद मैं खाना खाने अपने घर चला गया।दूसरे दिन 27 मई की सुबह 8 बजे के आसपास गांव के बच्चे बताने लगे कि महुआ व आम के पेड़ के नीचे बंदर मरे पड़े है।मैंने बंदरो के मरने की खबर पल्लव पटेल को बताया तो पल्लव पटेल ने मुझे बताया कि मेरे से गलती हो गई। मैंने पानी से भरे घमेले में जहर मिलाया था। जिसके कारण बंदरो की मौत हो गई।
10 दिन बाद भी नही हो सकी मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी
घटना का खुलासा होते ही वन विभाग द्वारा पल्लव पटेल पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 16,2(ए)9,39, 50,51,52 के तहत वन अपराध कायम कर वारासिवनी-खैरलांजी वन परिक्षेत्र की संयुक्त टीम ने 29 मई की सुबह ग्राम मेहदोली में दबिश दी थी।लेकिन मामले का मुख्य आरोपी पल्लव पटेल पहले से ही फरार हो चुका था।जिसके बाद मौके पर पहुंचे वन अमले ने घटनास्थल फार्महाउस पहुंचकर जांच पड़ताल की,और घटना में प्रयुक्त सामग्री जब्त की।आरोपी पल्लव पटेल ने वारासिवनी न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी।लेकिन न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी है।