अधिक बारिश ने की मक्का फसल चौपट,लगा रोग

सिवनी अधिक बारिश ने की मक्का फसल चौपट,लगा रोग

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-19 10:54 GMT
अधिक बारिश ने की मक्का फसल चौपट,लगा रोग

डिजिटल डेस्क, सिवनी। जिले में अधिक बारिश का असर यह हुआ कि मक्का फसल कई स्थानों पर चौपट हो गई। फसल में रोग लग गया। किसान परेशान हैं। वे अब सर्वे कर मुआवजे की आस लगाए बैठे हैं। सिवनी, केवलारी, छपारा और लखनादौन क्षेत्र में मक्के में गलन रोग अधिक हुआ है। हालात यह है कि फसल बढ़ नहीं पाई जबकि उसकी जगह खरपतवार अधिक बढ़ गई। किसानों का कहना है कि यदि उचित मुआवजा नहीं मिला तो काफी नुकसान हो जाएगा। हालांकि अभी तक किसी भी किसान की ओर से मुआवजे के लिए आवेदन नहीं दिया गया।
यह है स्थिति
वर्तमान में मक्का फ सल में तना सडऩ रोग का प्रकोप है। जहां यह रोग फैला है वहां पौधा टूटकर जमीन पर गिर गया है।इस रोग से प्रभावित खेतों में प्रवेश करने पर सड़े हुए पौधों से बहुत खराब दुर्गन्ध आने लगी है। यह स्थिति उन क्षेत्रों में अधिक है जहां पर बारिश अधिक हुई है। सिवनी तहसील क्षेत्र के किसानों के खेत में जहां पिछले साल मक्का फसल अच्छी स्थिति में थी वहीं अब खेतों में फसल खराब नजर आ रही हैं।
अधिक बारिश का अनुमान नहीं
सिमरिया के रहने वाले किसान रामसिंह पटेल और कृष्ण कुमार सनोडिय़ा के अनुसार उन्हें अनुमान नहीं था कि इस बार बारिश इतनी अधिक होगी। उनके खेतों में  लगी मक्का फसल खराब हो गई। इसी प्रकार सिवनी के किसान नितिन डहेरिया का कहना है कि छह एकड़ में से चार एकड़ की फसल में रोग लगने से काफी  नुकसान हुआ है।छपारा के किसान बलराम चंद्रवंशी ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले अधिक रकबे में मक्का फसल लगाया हूं लेकिन ६० प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई।
इधर विभाग ने दी सलाह
मैंकोजेब 75 दवा का 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी में घोल बनाकर पौधों पर छिड़काव करें। मका की खड़ी फ सल में पौधों की जड़ों के नजदीक ब्लिचिंग पाउडर (33 प्रतिशत) 3 ग्राम 10 लीटर पानी में घोल बनाकर पौधों की जडों के पास मिट्टी में तर करें और फि र 7 दिन बाद यहीं प्रक्रिया पुन: दोहराएं। खेतों में जहां पानी भरा है या जहां और पानी भरने की संभावना है वहां पर पानी निकासी की व्यवस्था करें।
इनका कहना है
यह यही है कि मक्के में जड़ गलन रोग लगा है। हालांकि यह सभी जगह नहीं है लेकिन जहां पानी अधिक भराव हुआ है वहां पर यह समस्या है। किसानों को सलाह भी दी जा रही है। अभी नुकसानी और मुआवजे को लेकर कोई आवेदन नहीं मिला है।
 

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