सुरक्षा संसाधनों के अभाव के बीच काम करने विवश कर्मचारी
अनूपपुर सुरक्षा संसाधनों के अभाव के बीच काम करने विवश कर्मचारी
डिजिटल डेस्क, अनूपपुर। महारत्न कंपनी का दर्जा प्राप्त कोल इंडिया की सहायक इकाई एसईसीएल की लगभग एक दर्जन खदानें जिले में संचालित है। भूमिगत और खुली खदानों में सुरक्षा के अपर्याप्त संसाधनों के बीच श्रमवीर कार्य करने को विवश है। भूमिगत खदानों में बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं मिलता जिसकी वजह से अंदर की सच्चाई उजागर नहीं हो पाती है। वही खुली खदानों में भी एसईसीएल प्रबंधन अब तक सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं जुटा पाया है। डीजीएमएस के द्वारा सतत निगरानी की बात कही जाती है बावजूद इसके डीजीएमएस की टीम हादसों के बाद ही कोयला खदानों का निरीक्षण करती है। 26 अप्रैल की दोपहर आमाडाड खुली खदान में गोविंदा साइडिंग तक कोयले का परिवहन करने वाले वाहन में आग लग गई।
खदान के अंदर के सूत्रों के अनुसार एसईसीएल के द्वारा संचालित खदानों में सुरक्षा के इंतजाम पर्याप्त नहीं है। वाहनों को आग से बचाने के लिए फायर इक्युपमेंट होना चाहिए, किंतु वह उपलब्ध नहीं है। इसी तरह भूमिगत खदानों में कोयला उत्खनन के पश्चात रूफ सपोर्ट के मामले में भी लापरवाही बढ़ती जा रही है। लापरवाही की वजह से ही कुरजा भूमिगत खदान में 3 वर्ष पूर्व दुर्घटना घटित हुई थी, जहां छत गिरने की वजह से मजदूरों की मौत हो गई थी। भूमिगत खदान में ब्लास्टिंग के दौरान भी सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं किया जाता है।