पेंच को प्लास्टिक फ्री जोन बनाने की कवायद, पर्यटकों के सामानों पर लगाया जा रहा लेबल

नागपुर पेंच को प्लास्टिक फ्री जोन बनाने की कवायद, पर्यटकों के सामानों पर लगाया जा रहा लेबल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-26 12:43 GMT
पेंच को प्लास्टिक फ्री जोन बनाने की कवायद, पर्यटकों के सामानों पर लगाया जा रहा लेबल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पेंच व्याघ्र प्रकल्प को पूरी तरह प्लास्टिक फ्री जोन बनाने की कवायद शुरू है। इस कारण पर्यटकों के पास मिल रहे प्लास्टिक के सामानों पर लेबल लगाया जा रहा है। उसके बदले हर प्लास्टिक के सामान पर 10 रुपए लिए जा रहे हैं। यदि पर्यटक वह प्लास्टिक की चीज वापस लाते हैं, तो उन्हें 10 रुपए वापस किए जा रहे हैं।  

इससे वन्यजीवों को खतरा

पेंच कुल 741 वर्ग किमी में फैला जंगल क्षेत्र है। यहां 6 गेट हैं, जिसमें सिल्लारी, खुर्सापार, चोरबाहुली, नागलवाडी, कोलीतमारा व खुबाड़ा गेट शामिल है। किसी एक गेट की बात करें तो प्रति दिन 3 सौ से 4 सौ तक पर्यटक यहां आते हैं। ऐसे में एक दिन में सभी गेट मिलाकर करीब 2 हजार  पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। जंगल सफारी में करीब एक घंटा वक्त लगता है। पर्यटक अपने साथ प्लास्टिक की पानी की बोतल के साथ चिप्स आदि के पैकेट लेकर आते हैं। खाली होने के बाद वह जंगल में ही फेंक देते हैं। इससे जंगल में कचरा तो फैल रहा है, साथ ही वन्यजीवों को भी इससे खतरा पैदा हो रहा है। ऐसे में अब वन विभाग ने नई तरकीब निकाली है। पेंच में आने वाले पर्यटकों को टिकट चेकिंग के दौरान उनके बैग में मिल रहे सभी प्लास्टिक के चीजों पर एक लेबल लगाया जा रहा है।  

अब कैंपस में मिलेगी कांच की बोतल : अभी तक कैंपस परिसर में पर्यटकों को प्लास्टिक की पानी बोतल मिल रही थी, लेकिन अब वह पूरी तरह से प्रतिबंधित हो गई है। यहां कैंटीन में कांच की बोतलों को प्रधानता दी जा रही है। इससे प्लास्टिक का उपयोग कम होगा। 
प्लास्टिक से कमाएंगे : वन विभाग जल्दी ही एक प्लास्टिक क्रशर मशीन ला रही है। वेस्ट प्लास्टिक को उसमें क्रश किया जाएगा। इसके बाद एक साथ बेचकर अच्छी-खासी रकम कमाई जाएगी।

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