पीपीई किट पहनकर वार्ड में पहुँचा डॉक्टर भतीजा, देखा तो 4 घण्टे पहले हो गई चाचा की मौत
पीपीई किट पहनकर वार्ड में पहुँचा डॉक्टर भतीजा, देखा तो 4 घण्टे पहले हो गई चाचा की मौत
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मेडिकल में भर्ती कोरोना के मरीजों की सेहत की जानकारी परिजनों तक सही तरीके से नहीं पहुँच पा रही है। जो पीडि़त गंभीर हालत में पहुँच रहे उनका तो कोई विवरण ही परिजनों को नहीं मिल पाता है। इसी तरह मौत जब हो रही उसके कई घण्टों बाद परिवारजनों को खबर दी जाती है। शनिवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया, दमोहनाका निवासी 64 वर्षीय आनंद पुरी गोस्वामी की मौत तो सुबह 4 बजे हो गई और परिवारजनों को 11 बजे तक किसी तरह से पता नहीं चल सका।
मृतक के भतीजे डॉ. डीएस गोस्वामी ने बताया कि सेहत जानने के चक्कर में वे खुद पीपीई किट पहनकर सुपर स्पेशिएलिटी के सेकेण्ड फ्लोर में पहुँचे। वार्ड में जाकर देखा कि चाचा कोरोना से जंग हार चुके थे। सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर उन्होंने चाचा को देखा और वार्ड में यह तक नहीं बताया गया कि हालत क्या है। इसके बाद उन्होंने पूरी जानकारी माँगी तो भी नहीं दी गई। कुछ देर बाद 11 बजे के करीब बताया गया कि उनकी डेथ हो चुकी है। डॉ. गोस्वामी ने बताया कि वे खुद एक आयुर्वेद विधा से डॉक्टर हैं अभी के दौर में सामने आने वाली समस्या को समझते हैं, लेकिन मरीजों के प्रति बड़े संस्थान में इस तरह का व्यवहार हो रहा यह बहुत ही व्यथित कर देने वाला है। उन्होंने आरोप लगाए कि इलाज के दौरान जानकारी नहीं दी और लाश भी फिर 5 घण्टों की कवायद के बाद मिल सकी। इधर अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेश ितवारी ने कहा मामले की पूरी जानकारी लेकर ही कुछ कहा जा सकता है। वैसे पूरे भर्ती मरीजों को हम बेहतर से बेहतर उपचार दे रहे हैं।