मोह भंग: लोगों को याद नहीं पहला डोज कब लगवाया
सामने आ रही विभाग की तकनीकी खामियां, बिना टीका लगे मिल रहे एसएमएस, कई लोग कॉल के बाद भी केंद्र नहीं पहुंच रहे मोह भंग: लोगों को याद नहीं पहला डोज कब लगवाया
डिजिटल डेस्क बालाघाट। दस महीनों बाद भी जिले में कोविड टीकाकरण के दूसरे डोज का लक्ष्य 46.02 प्रतिशत पूर्ण हो सका है। इसके पीछे हितग्राहियों का टीकाकरण के प्रति धीरे-धीरे घटता रुझान है। यूं कहें कि लोगों का टीकाकरण के प्रति मोह भंग हो रहा है। सोमवार को शहर के जयस्तंभ चौक स्थित अंबेडकर भवन में टीकाकरण सत्र में इक्के-दुक्के लोग टीका लगवाने पहुंचे। जो पहुंचे उनसे जब पहला डोज लगवाने की तारीख, महीना पूछा गया, तो उन्होंने याद नहीं है... कहकर बात टाल दी। इनमें से कई अवधि पूर्ण होने के एक से दो महीने बाद दूसरा डोज लगवाने पहुंचे। कइयों ने तो वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी अब तक डाउनलोड नहीं किया है। हकीकत ये भी है कि ब्लॉकों में बनाए कॉल सेंटर व नगर पालिका द्वारा दूसरा डोज लगवाने के लिए बार-बार कॉल करने के बाद भी लोग केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं। बहरहाल, कोरोना संक्रमण पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, इसलिए टीकाकरण के प्रति बरती जा रही ये लापरवाही खतरे की घंटी साबित न हो जाए।
कम टीकाकरण पर विभाग के अपने तर्क
विभाग का मानना है कि पहला डोज लगवाने के लिए लोगों में जितनी उत्सुकता थी, उतनी दूसरे डोज में नहीं है। गणेश चतुर्थी से शुरू हुए त्योहारी सीजन के साथ किसानी कार्य भी बड़ी वजहों में एक है। कोविड संक्रमण थमने के बाद बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए दोबारा दूसरे राज्य व शहर पलायन कर चुके हैं। इन लोगों ने संक्रमण काल में पहला डोज तो जिले में लगवाया लेकिन दूसरा डोज दूसरे शहर में लगवा रहे हैं। वर्तमान में दिवाली के बाद गांव-गांव होने वाले मंडई कार्यक्रमों से भी टीकाकरण प्रभावित हुआ है।
स्टाफ के सामने भी दुविधा
टीकाकरण केंद्र में पंजीयन के दौरान स्टाफ के सामने बड़ी दुविधा की स्थिति बन रही है। दरअसल, कई हितग्राहियों को पहला डोज लगवाने की तिथि या माह की जानकारी तक नहीं है। कई लोगों को इस बारे में याद ही नहीं है। स्टाफ द्वारा पूछने पर हितग्राही सिर्फ अवधि पूरी होने की बात कहकर टीका लगाने कहते हैं। जिन्हें सितंबर में दूसरा डोज लगना तो वो नवंबर में टीका लगवाने पहुंच रहे हैं।
गड़बड़ी: टीका लगा नहीं, फोन में आ गया मैसेज
टीकाकरण अभियान में विभागीय स्तर पर तकनीकी गड़बड़ी भी सामने आ रही है। जिन हितग्राहियों ने दूसरा डोज नहीं लगवाया, उन्हें उनके मोबाइल पर एसएमएस भेजकर दूसरा डोज लगवाने की बधाई संदेश भेजा जा रहा है। सोमवार को केंद्र पहुंचे बूढ़ी के धनसिंह हनवत के साथ ऐसा ही कुछ हुआ। दूसरा डोज लगवाने पहुंचे श्री हनवत के मोबाइल पर 10 नवंबर को दूसरा डोज लगाने का बधाई मैसेज मिला है।
ब्लॉकवार पहले-दूसरे डोज का प्रतिशत
ब्लॉक पहला डोज दूसरा डोज
- बैहर 91.00 35.73
- बिरसा 88.09 37.16
- कटंगी 90.44 44.0
- खैरलांजी 90.15 34.56
- किरनापुर 94.08 47.20
- लालबर्रा 86.29 36.95
- लामटा 94.68 43.37
- लांजी 95.22 64.99
- परसवाड़ा 90.16 40.88
- वारासिवनी 98.86 53.07
- अर्बन 122.8 83.60
- कुल 93.45 46.02
(विभागीय आंकड़े 16 जनवरी से 10 नवंबर 2021 तक)
फैक्ट फाइल
- अब तक 1287054 को लगा पहला डोज
- 633755 को दूसरा डोज
- कुल 1920809 लोगों को टीके लगे।
- सोमवार को जिले के 50 केंद्रों में हुआ टीकाकरण
इनका कहना है
त्योहारी सीजन और किसानी कार्य के कारण टीकाकरण केंद्र में लोग कम पहुंच रहे हैं। विभाग लगातार उन्हें समय पर दोनों डोज लगवाने जागरूक कर रहा है। लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में मजदूर वर्ग का बड़े शहरों में पलायन हुआ है, जो दूसरे डोज के प्रतिशत घटने का कारण हो सकता है।
डॉ. परेश उपलप, जिला टीकाकरण अधिकारी, बालाघाट