सीटी स्कैन के लिए दो महीने बाद की तारीख

नागपुर सीटी स्कैन के लिए दो महीने बाद की तारीख

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-29 14:29 GMT
सीटी स्कैन के लिए दो महीने बाद की तारीख

डिजिटल डेस्क, नागपुर. मेडिकल में गरीब मरीजों काे किसी न किसी कारण हर दिन परेशान होना पड़ता है। मेडिकल में सीटी स्कैन करवाने वालों का यही हाल हैं। यहां 4 सीटी स्कैन मशीन हैं। इनमें से एक ट्रामा केयर सेंटर में और दूसरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में लगी है। इसके अलावा मेडिकल में दो मशीनें हैं। इनमें से एक नई व एक पुरानी हैं। दो मशीनों से हर रोज 150 से अधिक सिटी स्कैन होना चाहिए, लेकिन यहां 50-60 लोगों का ही सिटी स्कैन होता है। 100 से अधिक मरीजों को वापस लौटना पड़ता है।

हर रोज 50-60 सीटी स्कैन

सूत्रों ने बताया कि मेडिकल में दो मशीन नाम के लिए है। दोनों मशीनें एकसाथ शुरू नहीं रहती। एक बार में एक ही मशीन का उपयोग किया जाता है। यदि पुरानी मशीन पर एक सिटी स्कैन हुआ, तो दूसरा नई मशीन पर किया जाता है। जहां दो मशीनों पर दो सिटी स्कैन होने चाहिए, वहां एक की सीटी स्कैन हो रहा है। इसके कारण हर रोज 150 सीटी स्कैन के स्थान पर नई व पुरानी मशीन से केवल 50 या 60 लोगों का ही सीटी स्कैन हो रहा है। बाकी मरीजों को दो या तीन महीने की तारीख देकर लौटाया जा रहा है। बताया गया कि हर रोज औसत 100 मरीजों को लौटना पड़ना है।

10 घंटे में अधिकतम 20 एमआरआई

मेडिकल में एमआरआई के लिए दो महीने के बाद की तारीख दी जा रही है। नई मशीन में हर रोज अधिकतम 20 लोगों का ही एमआरआई किया जा रहा है। हर दिन 25 से 30 मरीजों को वापस लौटाया जा रहा है। नई मशीन होने से इसकी गति के हिसाब से 10 घंटे में 40 की क्षमता का आकलन किया गया था। वर्तमान स्थिति को देखते हुए इसकी क्षमता पर सवाल उठने लगे हैं।

रोज 25 से अधिक मरीजों को देते हैं तारीख

सूत्रों के अनुसार नई एमआरआई मशीन से मेडिकल को काफी उम्मीद थी। यह अनुमान लगाया जा रहा था कि इस मशीन से हर रोज कमसे कम 40 एमआरआई होंगे, लेकिन मेडिकल को इस मशीन से निराश होना पड़ रहा है। मशीन से 10 घंटे में 16 से 20 लोगों का ही एमआरआई होता है, जबकि यहां हर रोज 50 से अधिक मरीज एमआरआई के लिए आते हैं। हर दिन 25 से अधिक मरीजों को दो महीने बाद की तारीख देकर लौटा दिया जाता है। 

नई मशीन कर रही निराश

तीन साल पहले पुरानी एमआरआई मशीन खराब हो चुकी थी। कालबाह्य हाेने से एमआरआई नहीं किया जा रहा था। नई एमआरआई मशीन के लिए दो साल पहले अनेक संगठनों ने आंदोलन किया था। निवासी डॉक्टरों ने भी नई मशीन के लिए मेडिकल प्रशासन से गुहार लगाई थी। तब इसका प्रस्ताव बनाया गया था। तीन महीने पहले ही नई मशीन लगी है।
 

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