कलेक्टर अंधा तो अब हम क्या करें बोलने वाला एसडीओ सस्पेंड
सिवनी कलेक्टर अंधा तो अब हम क्या करें बोलने वाला एसडीओ सस्पेंड
डिजिटल डेस्क सिवनी कलेक्टर के लिए अंधा जैसे अशोभनीय व अपमानजनक शब्द कहने वाले भीमगढ़ दायीं तट नहर उपसंभाग-3 कान्हीवाड़ा के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) श्रीराम बघेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जबलपुर कमिश्नर बी. चंद्रशेखर द्वारा की गई इस कार्रवाई से हड़कंप मच गई है। उन्होंने इस मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। सोशल मीडिया पर 17 दिसंबर को एसडीओ बघेल का एक आडियो वायरल हुआ था। 15 दिसंबर को हुई बातचीत के इस आडियो में ग्राम पलारी निवासी किसान विजय साहू द्वारा खेत में पानी न आने की समस्या के संबंध में एसडीओ को बताया गया, जिस पर एसडीओ बघेल द्वारा कहा गया कि- वे चुनाव में व्यस्त हैं, उन्हें अभी फोन नहीं लगाया जाए, कलेक्टर को फोन लगाएं जिसने ड्यूटी लगा दिया है, उसकीआंख में नहीं दिख रहा है। कलेक्टर अंधा तो अब हम क्या करें, जब हम हैं ही नहीं तो तुम्हारी कौन सुनेगा। आपका फोन बार-बार आ रहा है। तुम कलेक्टर को फोन करो। यह आडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर सिवनी डॉ. राहुल हरिदास फटिंग द्वारा एसडीओ बघेल को निलंबित किया जाना प्रस्तावित किया गया था। नोटिस मिला तो मुकरा
शासकीय पद पर रहते हुए शासकीय कार्य में लापरवाही बरतते हुए कलेक्टर सिवनी के विरूद्ध अनर्गल एवं अपमानजनक भाषा के प्रयोग किए जाने को जबलपुर कमिश्नर द्वारा गंभीरता से लिया गया। अपने क्षेत्र के किसान की समस्या के समाधान के बदले अपनी अन्य चुनाव ड्यूटी का कारण बताते हुए कलेक्टर को ही अशोभनीय टिप्पणी कहा जाना निंदनीय व गंभीर कदाचरण की श्रेणी में मानते हुए 21 दिसंबर को एसडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। नोटिस के जवाब में एसडीओ ने आरोप का खण्डन किया, लेकिन कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया गया, जिसके चलते 13 जनवरी को जबलपुर कमिश्नर ने आदेश जारी एसडीओ श्रीराम बघेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन विभाग जबलपुर नियत किया गया है।
मामले की होगी विस्तृत जांच
एसडीओ के निलंबन आदेश में जबलपुर कमिश्नर बी. चंद्रशेखर ने प्रकरण की विस्तृत जांच कराए जाने का उल्लेख भी किया है। वहीं आदेश में यह भी लेख किया गया है कि कारण बताओ नोटिस के जवाब में एसडीओ बघेल द्वारा अपने जबाव के साथ ही विजय साहू का सादे कागज पर लिखा शपथ-पत्र एवं अन्य कृषकों की ओर से हस्ताक्षरित एक दस्तावेज प्रस्तुत किया गया है। इससे यह स्पष्ट है कि उनके द्वारा संबंधित व्यक्तियों से संपर्क कर उन्हें प्रभावित करने की संभावना है। प्रकरण की विस्तृत जांच आवश्यक है।