बेटी का ब्याह रचाने शहर ने निभाई पालक की भूमिका, लोगों ने दी शानदार विदाई

बेटी का ब्याह रचाने शहर ने निभाई पालक की भूमिका, लोगों ने दी शानदार विदाई

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-20 17:42 GMT
बेटी का ब्याह रचाने शहर ने निभाई पालक की भूमिका, लोगों ने दी शानदार विदाई



डिजिटल डेस्क अनूपपुर।  सनातन धर्म में कन्या दान का कार्य सबसे पुनीत माना गया है। इस बात को अनूपपुर के समाज सेवियों ने साबित भी कर दिया। बचपन में ही माता-पिता का साया सर से उठ गया। घर में दो छोटे भाई जो बूट पॉलिश का काम कर जैसे-तैसे जीविकोपार्जन कर रहे हैं। दूसरी तरफ  बीए प्रथम वर्ष तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद परिवार चलाने के लिए बीमा अभिकर्ता के रूप में कार्य करने वाली युवती अंजू चौधरी का विवाह महाराष्ट्र में तय हुआ। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण विवाह में दिक्कत हो रही थी। इसकी जानकारी जैसे ही समाजसेवी संजय विश्वास को लगी तो उन्होंने अपने साथी राजू दहिया, दीपक शुक्ला, चैतन्य मिश्रा से चर्चा करते हुए अंजू के विवाह का बीड़ा उठाया। देखते ही देखते पूरा नगर अंजू के विवाह के लिए जुट गया और 19 दिसंबर को अंजू अपने ससुराल के लिए विदा हो गई।
इस तरह हुआ विवाह-
अनुपपुर के वार्ड क्रमांक 2 की अंजू के माता-पिता अब दुनिया में नहीं हैं। इंटरनेट के माध्यम से उसकी शादी मुकेश निवासी नागपुर महाराष्ट्र  से तय हुई। बिना माता-पिता की इस कन्या का विवाह कैसे होगा, यह सोचकर चिंतित थी। जिसके बाद मदद के लिए लोग आगे आए और विवाह की सारी तैयारियां कीं। सबने अपनी सामथ्र्य के अनुसार मदद भी की।
उपहार के ढेर लगे-
नगर वासियों एवं समाजसेवियों के द्वारा बारातियों एवं मेहमानों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई थी। विवाह समारोह के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों जिनमें एसडीएम कमलेश पुरी, डिप्टी कलेक्टर विजय डेहरिया, सीईओ जिला पंचायत मिलिंद नागदेवे, तहसीलदार भागीरथी लहरें नव दंपति को उपहार प्रदान किया।

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