छिंदवाड़ा कोरोना अपडेट - चार मरीजों की मौत, २५ नए संक्रमित मिले
छिंदवाड़ा कोरोना अपडेट - चार मरीजों की मौत, २५ नए संक्रमित मिले
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से सबद्ध जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों में से एक युवक समेत चार की इलाज के दौरान मौत हो गई। हालांकि एक युवक और एक महिला कोरोना संदिग्ध बताए जा रहे है। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सभी का अंतिम संस्कार नगर निगम की टीम द्वारा किया गया है। शनिवार को २५ कोरोना पॉजिटिव मिले है। इन मरीजों को मिलाकर जिले में अब 1498 मरीज हो गए है। वहीं 46 मरीजों ने कोरोना को मात दी है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड में हर्रई के १८ वर्षीय युवक और दुर्गा कॉलोनी निवासी ३५ वर्षीय महिला को कोरोना संदिग्ध मानकर भर्ती किया गया था। उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव बताई जा रही है। शनिवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसी तरह त्रिलोकीनगर निवासी ५८ वर्षीय बुजुर्ग और पातालेश्वर निवासी ८५ वर्षीय वृद्धा ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। यह दोनों कोरोना संक्रमित बताए जा रहे है।
हर्रई में एक ही परिवार के छह पॉजिटिव-
शनिवार को जारी कोरोना रिपोर्ट में हर्रई के एक ही परिवार के छह सदस्य कोरोना संक्रमित मिले है। इनमें ९९ वर्षीय वृद्धा से लेकर १० वर्षीय बालक शामिल है। इसके अलावा मोहखेड़ से एक, परासिया से पांच, जुन्नारदेव से चार, सौंसर से छह, बिछुआ से एक और शहर के आदिवासी म्यूजियम के समीप रहने वाले एक युवक और निजी अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग शामिल है।
सौंसर में तेजी से बढ़ रहा संक्रमण-
सौंसर में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने में स्थानीय प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। बाजार और सार्वजनिक स्थलों के अलावा औद्योगिक क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो रहा है। जिसका परिणाम भी सामने आने लगा है। सौंसर में तेजी से कोरोना संक्रमित बढ़ रहे है।
मृतका के पति ने लगाए लापरवाही के आरोप-
जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती दुर्गा कॉलोनी की ३५ वर्षीय महिला की मौत पर परिजनों ने सवाल खड़े किए है। मृतक के पति ने लिखित शिकायत में बताया कि २३ सितम्बर को सांस लेने में तकलीफ होने पर पत्नी को कोविड वार्ड में भर्ती किया गया था। १ अक्टूबर को उसकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। ३ अक्टूबर की सुबह ६.३० बजे पत्नी बाथरूम गई थी। यहां वह गिर गई। स्टाफ के ध्यान न देने से आधा घंटे तक वह बाथरूम में पड़ी रही। इस वजह से उसकी मौत हो गई। सुबह ७ बजे पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन प्रबंधन ने उन्हें सूचना नहीं दी। सुबह दस बजे जब वे टिफिन लेकर अस्पताल पहुंचे तब उन्हें पत्नी की मौत की जानकारी दी गई। पीडि़त ने पत्नी की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को दोषी ठहराया है। उन्होंने कलेक्टर से मामले की उचित जांच कर कार्रवाई की मांग की है।