सीएम हेल्पलाईन में झूठी शिकायत करने का मामला प्राथमिक शिक्षक पुष्पलता सोनेकर को कारण बताओ नोटिस जारी
सीएम हेल्पलाईन में झूठी शिकायत करने का मामला प्राथमिक शिक्षक पुष्पलता सोनेकर को कारण बताओ नोटिस जारी
डिजिटल डेस्क, बालाघाट। सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण श्री सुधांशु वर्मा ने बिरसा विकासखंड के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला डोंगरिया की प्राथमिक शिक्षक श्रीमती पुष्पलता सोनेकर को सीएम हेल्पलाईन में अपने चिकित्सा अवकाश का वेतन नहीं मिलने संबंधी झूठी शिकायत करने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। शिक्षक श्रीमती सोनेकर को सात दिनों के भीतर अपना प्रस्तुत करने कहा गया है। समय सीमा में संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर उनके विरूद्ध एक पक्षीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। श्रीमती पुष्पलता सोनेकर, प्राथमिक शिक्षक शास.प्रा.शा. डोंगरिया (संकुल उमावि पल्हेरा) विकासखंड बिरसा द्वारा माह जनवरी 2018 से फरवरी 2018 तक मेडिकल अवकाश लिये जाने किंतु इस अवधि का वेतन भुगतान आज दिनांक तक नहीं किये जाने के संबंध में सी.एम. हेल्पलाइन में शिकायत क्रमांक 131232781 दर्ज कराई थी। इस शिकायत जांच के दौरान आवेदिका के प्राचार्य द्वारा अवगत कराया गया कि, संबंधित शिक्षिका द्वारा दिनांक 15 जून 2017 से दिनांक 15 दिसंबर 2017 तक मातृत्व अवकाश का लाभ लिया गया, जिसका वेतन भुगतान उन्हें प्रदाय किया जा चुका है। मातृत्व अवकाश अवधि समाप्त होने के बाद वे पुन: 20 दिसंबर 2017 से 20 फरवरी 2018 तक कुल 63 दिवस बिना कोई पूर्व सूचना के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहीं तथा इस अवधि का चिकित्सा अवकाश स्वीकृत करने के लिए उनके द्वारा दिनांक 24 मार्च 2018 को आवेदन प्रस्तुत किया गया। लेकिन उनके सर्विस अर्द्ध वेतन (चिकित्सा) अवकाश लेखे में अनुपस्थित अवधि के दिवस से भी कम अर्द्ध वेतन (चिकित्सा) अवकाश संचित थे, जिस कारण प्राचार्य द्वारा नियमानुसार अवकाश स्वीकृत नहीं किया गया। संबंधित शिक्षिका श्रीमती पुष्पलता सोनेकर द्वारा समयावधि में अवकाश नियमों के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया, अपितु बिना कोई पूर्व सूचना के अनाधिकृत अनुपस्थिति अवधि का अवकाश स्वीकृत करने हेतु सक्षम अधिकारी के उपर दबाव डालने के उद्देश्य से सी.एम. हेल्पलाइन में शिकायत की गई। इस प्रकार शिक्षिका श्रीमती सोनेकर न केवल कर्त्तव्य के प्रति लापरवाह एवं अनुशासनहीन रही, बल्कि इस संबंध में उनके द्वारा बिना वरिष्ठ कार्यालय को निराकरण का आवेदन दिये एवं तथ्यों को छुपाकर सी.एम. हेल्पलाइन में झूठी शिकायत की गई। जिसके कारण उन्हे कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है।