3 ट्रक धान गायब के मामले में लेखपाल व 5 पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

3 ट्रक धान गायब के मामले में लेखपाल व 5 पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-10 07:55 GMT
3 ट्रक धान गायब के मामले में लेखपाल व 5 पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

डिजिटल डेस्क अनूपपुर। धान उपार्जन वर्ष 2016-17 के दौरान धान खरीदी केन्द्र छिल्पा तथा पयारी नंबर 1 से सजहा गोदाम के लिए निकली तीन ट्रक धान के रास्ते से गायब हो गई थी। पहले इस मामले को दबाने का भरसक प्रयास किया गया, वहीं शिकायतों के बाद विभागीय जांच में मामला प्रमाणित पाया गया और गत वर्ष एफआईआर कराये जाने के निर्देश दिये गये। 8 जनवरी को  भालूमाडा थाने में जिला प्रबंधक एम.पी. स्टेट सिविल सप्लॉईज कार्पोरेशन लिमिटेड के जिला प्रबंधक विख्यात हिन्डोलिया द्वारा 5 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है जिनमें जिला कार्यालय में लेखापाल के पद पर पदस्थ अखिलेश श्रीवास्तव समेत छिल्पा और अमलई के समिति प्रबंधक सहित कम्प्यूटर ऑपरेटर के नाम शामिल हैं। इन 5 पर धोखाधडी का मामला दर्ज करते हुये जांच प्रारंभ कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक ने बतलाया कि जांच में और भी लोगों के नाम सामने आने पर आरोपियों की संख्या बढ जायेगी।
17 लाख की धान गायब
 12 व 15 दिसम्बर 2016 तथा 1 जनवरी 2017 को तीन ट्रक धान  अमलई व छिल्पा समिति से वेयर हाउस के लिये निकले थे, किन्तु वे रास्ते में ही गायब हो गये। मामले का खुलासा वेयर हाउस के तत्कालीन शाखा प्रबंधक द्वारा किया गया था। तीन ट्रक धान वाहन क्रमांक एमपी 18 जीए 0645, ट्रक क्रमांक एमपी 18 जीए 0645 एवं सीजी 10 3891 में कुल 1600 बोरी (640 क्विंटल ) जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 17 लाख मानी जा रही है उसे गायब कर दिया गया व कूटरचित दस्तावेजों का निर्माण कर मामले को छिपाने का प्रयास किया गया।  
इन पर मामला दर्ज
जिला प्रबंधक विख्यात हिन्डोलिया द्वारा जिन 5 के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध कराया गया है उनमें जिला कार्यालय में पदस्थ लेखापाल अखिलेश श्रीवास्तव, छिल्पा समिति प्रबंधक मदन मोहन मिश्रा, अवनीश द्विवेदी कम्प्यूटर ऑपरेटर अमलई, सैय्यद नफीस अहमद समिति प्रबंधक अमलई तथा दिलीप कुमार मिश्रा कम्प्यूटर ऑपरेटर अमलई के नाम शामिल हैं। इन सभी के विरूद्ध धारा 420, 511, 467, 468, 471, 120 बी के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।  
परिवहनकर्ता का नाम शामिल नहीं  
 मप्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कारपोरेशन लिमिटेड भोपाल ने  इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 13 दिसम्बर 2017 को परिवहनकर्ता मे. पंकज चतुर्वेदी को मामले में दोषी पाते हुए परिवहन सेवाओं से ब्लैक लिस्टेड (काली सूची) करते हुए आगामी 10 वर्षो तक उसके द्वारा किए जाने वाले परिवहन कार्यो पर प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं दूसरी तरफ विभाग द्वारा दर्ज कराये गये एफआईआर में परिवहनकर्ता ठेकेदार के नाम का जिक्र ही नहीं किया गया है। विभागीय नियमों की अनदेखी करते हुये परिवहनकर्ता ठेकेदार को आरोपी नहीं बनाया गया है। वहीं पुलिस जांच के पश्चात दोषी पाये जाने पर नाम जोडने की बात कह रही है।
इनका कहना है
5 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है विवेचना में दोषी पाये जाने पर आरोपियों की संख्या बढ जायेगी।
 सुनील कुमार जैन, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर

 

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