भाई भाभी और भतीजी को जिंदा जला कर लगा ली फांसी - चार मौतें , भतीजा झुलसा

भाई भाभी और भतीजी को जिंदा जला कर लगा ली फांसी - चार मौतें , भतीजा झुलसा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-26 11:47 GMT
भाई भाभी और भतीजी को जिंदा जला कर लगा ली फांसी - चार मौतें , भतीजा झुलसा

डिजिटल डेस्क अनूपपुर। जैतहरी थाना अंतर्गत धनगवा ग्राम में 25 और 26 नवंबर की दरमियानी रात  हृदय विदारक घटना घटित हुई। जहां घरेलू विवाद में छोटे भाई ने अपने ही सगे बड़े भाई के पूरे परिवार को जिंदा जलाकर मारने के लिए उनके कमरे में आग लगा दी। इस घटना में जहां भाई भाभी और 16 वर्षीय भतीजी की मौके पर ही मौत हो गई वहीं 19 वर्षीय भतीजा आग में झुलस गया। घटना को अंजाम देने के बाद छोटे भाई ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
रुपयों को लेकर विवाद
जैतहरी थाना अंतर्गत धनगवां ग्राम में छोटे लाल विश्वकर्मा के 3 पुत्र ओंकार विश्वकर्मा, चेतराम विश्वकर्मा तथा दीपक विश्वकर्मा एक साथ रहते थे। ओंकार व चेतराम का विवाह हो गया था तथा वे अपने परिवार के साथ अपना अपना व्यवसाय कर रहे थे। छोटा भाई दीपक विश्वकर्मा अविवाहित था जिसे गैरेज खोलने के लिए दोनों बड़े भाइयों ने 10 लाख रुपए का लोन सेंट्रल बैंक से दिलवाए थे। रुपए लेकर दीपक ने भी अपना व्यवसाय प्रारंभ कर दिया था । किस्त के पैसों को समय पर जमा करने को लेकर ओमकार विश्वकर्मा तथा दीपक के बीच आए दिन विवाद की स्थिति उत्पन्न होती रहती थी।
चार को जिंदा जलाया तीन की मौत
25 नवंबर की देर रात लगभग 1:30 बजे छोटे भाई दीपक ने अपने सबसे बड़े भाई ओमकार विश्वकर्मा  तथा बड़े पुत्र आशीष विश्वकर्मा के कमरे में ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी । ओमकार विश्वकर्मा उम्र 46 वर्ष के साथ उनकी पत्नी कस्तूरिया विश्वकर्मा उम्र 42 वर्ष तथा 16 वर्षीय पुत्री निधि सो रही थी। आग की लपटें इतनी तेज थी कि तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। शवों की पहचान भी मुश्किल से हो पाई ।
पुत्र को चाचा ने बचाया
आशीष के कमरे में जैसे ही आग लगी लपट के कारण वह जाग गया और मदद के लिए पुकारने लगा। बगल के कमरे में ही चाचा चेतराम जागे और उन्होंने आशीष के कमरे को खोलकर उसे बाहर निकाला। आशीष भी आग में झुलस गया है जिसे जैतहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।
खुद लगा ली फांसी
भाई के परिवार को जिंदा जलाने के बाद दीपक विश्वकर्मा ने अपने कमरे में जाकर फांसी लगा ली । आशीष की चीख-पुकार सुनकर चेतराम ने दीपक को भी आवाज दी किंतु उसके कमरे का दरवाजा नहीं खुला दरवाजा अंदर से बंद था तब उसने रोशनदान से झांक कर देखा तो दीपक ने रस्सी को फंदा बनाकर फांसी में झूल गया था तत्काल ही इसकी सूचना जैतहरी थाने को दी गई ।
दीवार पर लिखी शिकायत
दीपक ने जिस कमरे में फांसी लगाई है उसकी दीवार पर लिखा हुआ था कि रूम के अंदर घुस कर चेतराम और जुग्गा मारे हैं मुझे तथा घर से भगा रहे थे और कह रहे थे कि तेरा यहां कुछ भी नहीं है। रात्रि 12  बजे 21 नवंबर को और जुआ सट्टा का आरोप लगा रहे थे।यह बात कब और कैसे लिखी गई इसकी जानकारी भी किसी को नहीं मिल पाई है।
मौके पर पहुंचा पुलिस महकमा
जघन्य घटनाक्रम की सूचना मिलते ही जैतहरी पुलिस के साथ-साथ एसडीओपी अनूपपुर कीर्ति बघेल मौके पर पहुंची जिसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक राजन, एसपी अनूपपुर एम एल सोलंकी तथा अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक पीएस उइके भी मौके पर पहुंचे। पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में आपसी विवाद की वजह से ही घटना को माना जा रहा है।
इनका कहना है
तीनों भाइयों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर आपस में विवाद होता रहता था, संभवत: इसी वजह से घटना को अंजाम दिया गया है पुलिस मर्ग कायम कर जांच कर रही है।
एम एम सोलंकी पुलिस अधीक्षक अनूपपुर
 

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