अनूपपुर: माँ नर्मदा के आर्शीवाद से मध्यप्रदेश में आती है सुख, समृद्धि - मुख्यमंत्री
अनूपपुर: माँ नर्मदा के आर्शीवाद से मध्यप्रदेश में आती है सुख, समृद्धि - मुख्यमंत्री
डिजिटल डेस्क, अनूपपुर। अनूपपुर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पवित्र नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की जीवन रेखा है। माँ नर्मदा के आर्शीवाद से मध्यप्रदेश में सुख, समृद्धि आती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पवित्र नर्मदा नदी जहाँ एक ओर प्रदेश में सुख, समृद्धि लाती है वही इसके उद्गम स्थल अमरकण्टक को इंसानो ने विकृत स्वरूप दिया है, जिसके कारण नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से नर्मदा की धारा दिनो दिन कम हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा के उद्गम स्थल से कलकल जल की धारा बहे। नर्मदा का उद्गम स्थल स्वच्छ एवं सुंदर हो, इसके लिए संयुक्त प्रयासो की आवश्कता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा के उद्गम स्थल में गंदा पानी और मैला न मिले इसके लिए सख्त कदम उठाएं जाएँगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक स्वच्छ, सुंदर और पवित्र रहे इसके लिए जनमानस के साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यता है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज अनूपपुर जिले की पवित्र नगरी अमरकंटक में भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय की प्रशाद योजनांतर्गत धर्मिक पर्यटन क्षेत्र अमरकंटक में 49.98 करोड़ लागत के विकास कार्यों का शिलान्यास करते हुए कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मिनी स्मार्ट सिटी अमरकंटक योजना के तहत 8.01 करोड़ लागत के कार्यो के लोकार्पण एवं अन्य 24. 92 करोड़ लागत के विभिन्न विकास कार्यो का लोकार्पण एवं भूमि पूजन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पवित्र अमरकंटक नगरी साधू संतो एवं ऋषिमुनियों की तपस्या स्थली रही है। इसे पवित्र बनाएं रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। अमरकंटक क्षेत्र के नागरिक एवं संत समाज सोचे कि हमारी गंदगी पवित्र नर्मदा नदी तक न पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस पवित्र कार्य में सभी वर्गों की भागीदारी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा जल ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य आगामी 6 माह में पूरा किया जाएं। नर्मदा के तट पर अमरकंटक क्षेत्र में पौधरोपण किया जाएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिला प्रशासन अमरकंटक में पक्के निर्माण कार्यो को प्रतिबंधित करें तथा अमरकंटक में सीमेण्ट और कंक्रीट के कार्यो में प्रतिबंध लगाएं। उन्होंने कहा कि अमरकंटक क्षेत्र के पर्यावरण को वैज्ञानिक ढंग से संतुलित किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि नर्मदा नदी का संरक्षण और संर्वधन हो जिसके माध्यम से नर्मदा का जल पुनः कल-कल बहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमरकंटक क्षेत्र के गायत्री और सावित्री सरोवरो से भी गाद निकालने का कार्य प्रारंभ किया जाए तथा दोनो सरोवरो को स्वच्छ और सुंदर बनाया जायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय की प्रशाद योजनान्तर्गत अमरकंटक में विभिन्न निर्माण कार्य किए जा रहे है जिससे अमरकंटक का स्वरूप बदलेगा, जिससे पर्यटको को सीधा लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमरकंटक क्षेत्र में ध्यानकुटी भी बनायी जायेगी जिसमें जंगल में कुटियों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमरकंटक क्षेत्र के 825 मूलनिवासियों को आवास योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमरकंटक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटिया होती है। उन्होंने कहा कि इन जडी बूटियों की खेती के लिए जनजातीय परिवार को प्रोत्साहित किया जाए तथा जनजातीय परिवारो के जडी बूटियों के ज्ञान का लाभ आमलोगो तक पहुंचाया जाएं। समारोह को संबोधित करते हुए केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि नर्मदा भक्त और सेवक के रूप में अमरकंटक के विकास के माँ नर्मदा ने मुझे निमित्त बनाया है, माँ नर्मदा के इस आर्शीवाद के प्रति मैं आभार प्रकट करता हूँ। माँ नर्मदा के लिए मुझे कुछ अच्छा करने का अवसर मिला है जिसे में अपना भाग्य समझता हूँ। केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री ने कहा कि नर्मदा की सुंदरता के अलावा स्वच्छता पर भी ध्यान देने की आवश्यता है। उन्होंने कहा कि अमरकंटक क्षेत्र के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए इस क्षेत्र में व्यवसायिक भवनो के निर्माण पर प्रतिबंध होना चाहिए तथा गंदगी माँ नर्मदा के आंचल में नही जाए इसके प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि अमरकंटक की स्वच्छता और पवित्रता बनाए रखने के लिए अमरकंटक में कमर्शियल एक्टीविटीज को रोकना होगा। समारोह को सम्बोधित करते हुए संस्कृति, पर्यटन एवं आध्यात्म विभाग की मंत्री सुश्री उषा बाबू सिंह ठाकुर ने कहा कि रामगमन पथ के निर्माण के प्रयास किए जाएं। समारोह को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने सम्बोधित कर