महिला से छेडख़ानी और जालसाजी के आरोपी की अग्रिम जमानत खारिज

सतना महिला से छेडख़ानी और जालसाजी के आरोपी की अग्रिम जमानत खारिज

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-26 10:57 GMT
महिला से छेडख़ानी और जालसाजी के आरोपी की अग्रिम जमानत खारिज

डिजिटल डेस्क, सतना। महिला के चरित्र हनन, लैंगिक उत्पीडऩ (छेडख़ानी) और कूटरचित फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉपी राइट के नियमों का उल्लंघन करने के आरोपी अनिल तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका जिला न्यायालय के षष्ठम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राहुल सिंह की अदालत ने खारिज कर दी है। एक पीडि़ता की शिकायत पर कोलगवां थाने में आकाश गंगा नगर पतेरी निवासी आरोपी अनिल तिवारी पिता  वीके तिवारी के खिलाफ आईपीसी के सेक्सन 420, 468, 469,  470,  354  (घ), 500 एवं   प्रेस और पुस्तक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम की धारा -4 एवं 12, कॉपीराइट एक्ट की धारा 63 और 67 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज है। फरियादी की ओर से अधिवक्ता बसंत मिश्रा ने पैरवी की जबकि आरोपी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता केपी शर्मा ने पक्ष रखा। प्रकरण के विचारण पर अदालत ने माना कि 
आरोपी का कृत्य जमानत का लाभ देने के योग्य नहीं है।
क्या है पूरा मामला :- 
कोलगवां थाना अंतर्गत निवासी एक महिला ने ७ अप्रैल को कोलगवां थाने में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आरोपी अनिल तिवारी ने कॉपी राइट कानून का उल्लंघन करते हुए किसी अन्य के स्वामित्व में पंजीकृत एक साप्ताहिक समाचार पत्र की  कूटरचना कर प्रतियां छपवाईं, जिसमें पीडि़ता का चरित्र हनन करने के लिए गंभीर एवं गरिमा के प्रतिकूल लेख सचित्र प्रकाशित किए। इतना ही नहीं आरोपी अनिल तिवारी ने सुनियोजित तरीके से अपने दो साथियों पीयूष चतुर्वेदी और रविराज गुप्ता के साथ मिलकर आधारहीन अपमान जनक लेख सोशल मीडिया पर भी वायरल किए। 
 ऐसे खुली पोल :---
इसी बीच पुलिस के मुताबिक पर्दे के पीछे से चल रही इस छलपूर्ण साजिश का खुलासा तब हुआ जब मामला साप्ताहिक समाचार पत्र के वास्तविक स्वामित्वधिकारी मनोज अग्रवाल पिता ताराचंद अग्रवाल निवासी फरीदाबाद (दिल्ली) के संज्ञान में आया। मनोज अग्रवाल के बयान भी दर्ज किए गए। जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद अंतत: कायमी की गई।

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