पहले ही नहीं मिल रही पर्याप्त बिजली, ऊपर से अब और दो घंटे होगी कटौती
भंडारा पहले ही नहीं मिल रही पर्याप्त बिजली, ऊपर से अब और दो घंटे होगी कटौती
डिजिटल डेस्क, भंडारा। जिले में गर्मी बढ़ते ही बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ गई है। परिणामवश विद्युत विभाग ने कृषि पंपों के लिए दो घंटे की लोडशेडिंग करने का निर्णय लिया है। हालांकि यह लोडशेडिंग स्थायी नहीं होगी। एक दिन भंडारा तो दूसरे दिन गोंदिया जिले के किसानों के कृषि कनेक्शनों को दो घंटे की लोडशेडिंग रह सकती है। बिजली की उपलब्धता के अनुसार कृषि ग्राहकों को बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। दूसरी ओर घरेलू व व्यवसायी ग्राहकों को फिलहाल लोडशेडिंग का सामना नहीं करना पड़ेगा। 20 मार्च से जैसे ही तापमान बढ़ने लगा तो एसी, कूलर, पंखे, विद्युत पंपों का उपयोग भी बढ़ने लगा। इससे अचानक बिजली की मांग बढ़ने लगी है। यह स्थिति संपूर्ण राज्य में होकर बिजली की मांग की तुलना में उपलब्धता कम है। जिले के किसानों द्वारा हजारों हेक्टेयर में ग्रीष्मकालीन धान फसल लगाई जाती है। इन फसलों के लिए पानी की सर्वाधिक आवश्यकता होती है। किसान कृषिपंपों के माध्यम से फसलों को पानी देते हैं। वर्तमान में किसानों के कृषिपंपों के लिए 24 में से आठ घंटे बिजली दी जाती थी। लेकिन अचानक बिजली की मांग बढ़ने लगी तो विद्युत विभाग ने राज्यस्तर पर निर्णय लेकर कृषिपंपों के लिए दो घंटे तक अलग-अलग स्तर पर लोडशेडिंग करने का निर्णय लिया है। लेकिन यह लोडशेडिंग हर दिन होगी यह जरूरी नहीं है। उदाहरण के रूप में देखा जाए तो भंडारा के कृषि पंपों के लिए सोमवार को दो घंटे बिजली कम दी गई तो मंगलवार को गड़चिरोली या गोंदिया के कृषिपंप धारक किसानों को दो घंटे कम बिजली मिलेगी। इस भीषण गर्मी में विद्युत विभाग ने घरेलू व व्यवसायिक ग्राहकों के लिए राहत देने का निर्णय लिया है। इन ग्राहकों को वर्तमान में किसी तरह की लोडशेडिंग का सामना नहीं करना पड़ेगा। घरेलू नागरिक फिलहाल कुलर, पंखे, एसी का उपयोग करते हुए खुद को गर्मी से बचा सकते हैं। गर्मी के कारण डीपी में समस्या आने, बार बार बिजली गुल होने की समस्याएं बढने लगी है। दिन के समय में नागरिक जैसे तैसे समय काट लेते है। पर रात्रि के समय बिजली गुल हुई तो बच्चो, वृध्द व मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
फिलहाल जिले में नहीं हो रही लोडशेडिंग
राजेश नाईक, कार्यकारी अभियंता, विद्युत विभाग के मुताबिक वर्तमान में जिले में कृषिपंप धारक ग्राहकों को छोडकर अन्य घरेलु व व्यवसायिक ग्राहकों को लोडशेडींग का सामना नही करना पडेगा। जिले के किसानों को अलग अलग दिन दो घंटे की लोडशेडींग की समस्या हो सकती है। पर बिजली की अचानक मांग बढते ही यह स्थिति संपूर्ण राज्य में निर्माण हो गई है।