केंद्र के इंकार के बाद अब राज्य सरकार खरीदेगी किसानों का चना, एमएसपी पर 30 हजार मैट्रिक चने की खरीदारी बाकी
फैसला केंद्र के इंकार के बाद अब राज्य सरकार खरीदेगी किसानों का चना, एमएसपी पर 30 हजार मैट्रिक चने की खरीदारी बाकी
डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह "कौशिक'। राज्य में चने का रिकार्ड उत्पादन सरकार के लिए मुसीबत बन गई है। केंद्र सरकार के इंकार के बाद अब राज्य सरकार खुद ही समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चना खरीदने का फैसला करेगी। राज्य के सहकारिता मंत्री अतुल सावे ने बताया कि इस साल राज्य में भारी मात्रा में चने का उत्पादन हुआ है। पर केंद्र सरकार नाफेड के माध्यम से राज्य सरकार के साथ मिल कर 10 हजार मैट्रिक टन चना ही एमएसपी पर खरीद सकी है। मंत्री सावे ने बताया कि 10 हजार मैट्रिक टन खरीद के बाद एमएसपी पर खरीद बंद हो गई है। जबकि अभी भी बड़े पैमाने पर किसानों के पास चना पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हम किसानों की परेशानी समझते हैं इस लिए बचे 30 हजार मैट्रिक टन चने की खरीद के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है। किसानों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। किसानों के हित में जल्द फैसला लिया जाएगा। गौरतलब है कि एमएसपी पर अतिरिक्त चने की खरीदारी के लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय से निवेदन किया था। इसके लिए विपणन विभाग की तरफ से प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
प्रदेश के विपणन विभाग के एक अधिकारी बताया कि कहा कि नाफेड ने इस सीजन में 81 लाख 9 हजार क्विंटल चना खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन कृषि विभाग के तीसरे संभावित अनुमान के अनुसार 39.39 लाख मीट्रिक टन चना का उत्पादन हो सकता है। इसलिए राज्य सरकार की ओर से एमएसपी पर चना खरीदने के लक्ष्य को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिनकेंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया। राज्य में किसानों से एमएसपी की दर 5 हजार 335 रुपए प्रति क्विंटल के अनुसार चना खरीद की गई। राज्य में बीते 15 मार्च से चना खरीद शुरू हुई है।
पिछले साल 3976 करोड़ रुपए की हुई थी चना खरीद
विपणन विभाग के अनुसार बीते साल 2021-22 में 76.03 लाख क्विंटल चना खरीद हुई थी। सरकार ने किसानों से 3976 करोड़ 38 लाख रुपए का चना खरीदा था। बीते साल पहले 68.92 लाख क्विंटल चना खरीद का लक्ष्य था। बाद में चना खरीद के लक्ष्य को बढ़ाकर 77.64 लाख क्विंटल किया गया था।