पांच लाख की फिरौती देने के बाद ईनामी डकैतों के चंगुल से छूटा खोवा व्यापारी
पांच लाख की फिरौती देने के बाद ईनामी डकैतों के चंगुल से छूटा खोवा व्यापारी
डिजिटल डेस्क,सतना। यहां पांच दिन पूर्व 6 लाख रुपए के ईनामी डकैत बबुली गिरोह द्वारा अगवा किए गए खोवा व्यापारी अंतत: पांच लाख रुपए की फिरौती देने के बाद ही डाकुओं के जंगुल से छुट पाया। इसके विपरीत पुलिस इस मामले में बिना फिरौती दिए खोवा व्यापारी को छोड़े जाने का खोखला दावा कर रही है । इस संबंध में बताया गया है कि मानिकपुर थाना क्षेत्र के बरहा-कोलान से 15 अगस्त की रात को बंदूक के दम पर अगवा किए गए खोवा व्यापारी 5 दिन बाद डकैतों के चंगुल से छूटकर अपने घर पहुंच गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए चित्रकूट एसपी मनोज झा ने बताया कि वारदात की सूचना मिलने के बाद से ही अपहृत बृजमोहन पांडेय 50 वर्ष को छुड़वाने के लिए जंगल में ताकत झोंक दी गई थी। बार्डर पर सतना पुलिस की टीमें भी लगातार सर्चिंग कर रही थी, जिसके चलते बबुली गिरोह को ज्यादा समय तक एक जगह पर रुकने का मौका नहीं मिला। सोमवार की रात को करौहां के जंगल में डकैतों के मौजूद होने की खबर मिलते ही मानिकपुर-मारकुंडी थाना प्रभारियों के साथ एडी दस्ते को रवाना कर दिया गया, जिनसे बचने के लिए डकैत जब दूसरे ठिकाने की तरफ जा रहे थे। तभी बृजमोहन मौका देखकर भाग निकला और जंगल में छिपते-छिपाते घर आ गया। एसपी ने दावा किया कि गिरोह को फिरौती का एक रुपया भी नहीं दिया गया है।
5 लाख में बची जान
पांच दिन तक डकैतों के चंगुल में रहने के बाद खोवा व्यापारी घर लौट आया, पर उसकी हालत ठीक नहीं है। वह अब भी डरा-सहमा है। सूत्रों के मुताबिक परिजन ने बृजमोहन को छुड़ाने के लिए मध्यस्थों के जरिए फिरौती की रकम 5 लाख तक नीचे लाने के बाद किसी तरह रुपयों का इंतजाम कर बबुली गिरोह तक पहुंचाया, तब जाकर डकैतों ने व्यापारी को गांव से लगभग 10 किलोमीटर दूर करौहां के जंगल में छोड़ दिया। हालांकि पुलिस के दबाव में परिजन खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। गौरतलब है कि 6 लाख के इनामी डकैत बबुली कोल के राइट हैंड लवलेश ने अपहृत के भाई को फोन कर 50 लाख की फिरौती मांगी थी।