जिले की सीमा पर प्रशासन ने रोके यूपी से आ रहे धान के ट्रक
जिले की सीमा पर प्रशासन ने रोके यूपी से आ रहे धान के ट्रक
राईस मिलर्स में छटपटाहट, ज्ञापन सौंपकर बाहर की धान को अनुमति देने की मांग
डिजिटल डेस्क बालाघाट । कटंगी एवं लालबर्रा होते हुए जिले की सीमा में प्रवेश करने की तैयारी में 350 से अधिक धान से लदे ट्रकों को प्रशासन ने जिले में प्रवेश करने से रोक दिया है। जो ट्रक जिले में प्रवेश कर चुके हैं उन पर भी प्रशानिक द्वारा कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में जब बालाघाट जिला प्रदेश का सबसे बड़ा धान उत्पादक है तो प्रदेश के बाहर से धान लाने को लेकर राईस मिलर्स की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं। उधर, इस प्रशासनिक कार्रवाई से राईस मिलर्स में भी हड़कंप मच गया है। कार्रवाई से बचने के लिए आज राईस मिलर्स ने कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपकर प्रांत के बाहर से आने वाली धान को जिले में प्रवेश करने एवं उन्हें यह धान मिलिंग के लिए खरीदने की अनुमति दिये जाने की मांग की है। जानकार सूत्रों की मानें तो आई.आर.36 ग्रेड की धान की टेस्ट मिलिंग के बजाय यूपी की धान की टेस्ट मिलिंग कराने की योजना पर काम चल रहा है। ताकि टेस्ट मिलिंग के दौरान 67 फीसदी की जगह कम चावल को टेस्ट मिलिंग में स्वीकृती दिलाई जा सके। हालांकि, प्रशासनिक स्तर पर बाहरी धान के प्रवेश पर रोक ने इस पूरे खेल पर विराम लगा रखा है।
जिले में प्रवेश कर चुकी बाहरी धान के ट्रक को राजसात करने की तैयारी
वारासिवनी एस.डी.एम. संदीप सिंह द्वारा यूपी से जिले में आ रहे लगभग 100 धान के ट्रक अकेले लालबर्रा बार्डर पर खड़े कराये गये हैं। जिसके दस्तावेजों की जांच चल रही है। जबकि इतने ही ट्रक कटंगी से आने वाली जिले की सीमा पर भी खड़े हैं। इसके अलावा 100 से अधिक ट्रक जिले के बाहर खड़े होने की जानकारी मिली है। प्रशासन द्वारा बिना वैध अनुमति और दस्तावेज के जिले में प्रवेश करने वाले यूपी के धान के ट्रकों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। जिसके तहत श्रीनाथ राईस मिल वारासिवनी द्वारा मंगाये जा रहे एक ट्रक धान को संदेह के आधार पर पकड़ कर उक्त धान के क्रय एवं परिवहन संबंधित दस्तावेज तलब किये गये हंै। जिसके समुचित दस्तावेज नहीं होने की स्थिति में उक्त ट्रक को राजसात किये जाने की कार्रवाई की जाएगी।
जिले में बम्पर धान उत्पादन फिर बाहर से धान खरीदने की जरूरत पर सवाल
विदित हो कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जिले में बम्पर धान का उत्पादन हुआ है। जिसे सरकार द्वारा एम.एस.पी. पर खरीदे जाने के आलाव भी खुले बाजर में किसानों द्वारा बेचा जाता है। एक तरफ जिले के राईस मिलर्स सरकारी धान की कस्टम मिलिंग ही पूरी नहीं कर पाते हैं। ऐसे में बाहर से धान मंगाने को लेकर संबंधित मिलर्स की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन भी स्थानीय उपज के बजाये बाहर से धान मंगाने की वजह की जांच करने के साथ-साथ जिले के व्यवासियों को स्थानिय स्तर पर उत्पादित धान को मंडियो के माध्यम से उपार्जित करने पर जोर दे रहा है।
राईस मिलर्स ने सांैपा ज्ञापन, बाहर से धान खरीद में छूट देने की मांग
एक तरफ जहां प्रशासन बाहर से आने वाले धान पर लगतार कार्रवाई कर कुचियों द्वारा किसानों के आड़ में समर्थन मूल्य पर सस्ती धान खपाने की योजना को रोकने सख्ती बरत रहा है। वहीं, राईस मिलर्स बाहर से धान खरीदने के लिये छूट चाहते हैं। जिसे लेकर आज राईस मिलर्स एसोशियेशन द्वारा कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपकर यह मांग की गई है कि उन्हें अन्य राज्यों से धान मंगाने की छूट दी जाए। इस ज्ञापन में राईस मिलर्स ने यह भी मांग की है कि प्रशासन द्वारा 1 दिसंबर से लालबर्रा के पहले धान के ट्रक रोके जाने के कारण वाहन के मालिकों को हो रहे आर्थिक नुकसान का हवाला देते हुए धान के ट्रकों को जिले में धान लेकर आने की अनुमति देने की मांग की गई है।
इनका कहना है...
जिले में प्रदेश के बाहर से आ रही धान की जांच की जा रही है। इसका परिवहन कर रहे ट्रकों के समस्त दस्तावेजों की जांच की जा रही है, जिसके उपरांत प्रशासन अग्रिम कार्रवाई करेगा। कुछ मामलों में यह भी देखने में आया है कि ट्रेडिंग के नाम पर कुछ बिचौलिये बाहर से धान मंगाकर उसे समर्थन मूल्य पर बेचने की कोशिश कर रहे हैं। इसे लेकर विस्तृत जांच की रही है।
दीपक आर्य, कलेक्टर बालाघाट