आदिवासियों ने भरी हुंकार - पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में ग्रामीण की गोली लगने से हुई मौत मामले को लेकर जांच की मांग

आदिवासियों ने भरी हुंकार - पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में ग्रामीण की गोली लगने से हुई मौत मामले को लेकर जांच की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-16 12:46 GMT
आदिवासियों ने भरी हुंकार - पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में ग्रामीण की गोली लगने से हुई मौत मामले को लेकर जांच की मांग

डिजिटल डेस्क बालाघाट। बालाघाट जिले के गढ़ी थाना अंतर्गत बसपहरा के जंगल में गत 6 सितम्बर को कबीरधाम के बालसंमुद निवासी झामसिंह पिता स्व. पंचूसिंह धुर्वे की पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से हुई मृत्यु की उच्चस्तरीय जांच की मांग को लेकर जिले सहित पड़ौसी जिले के आदिवासियों ने मंगलवार को सड़क पर उतरकर हुंकार भरी। बड़ी संख्या में मंगलवार को जिला मुख्यालय में एकजुट हुए आदिवासियों का कहना रहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय ज्यूडिशियली मजिस्ट्रीयल जांच की जाकर दोषियों के विरूध्द हत्या का प्रकरण दर्ज किया जाए। 
डीएम को सौपा ज्ञापन 
विभिन्न मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन   कलेक्ट्रट मार्ग स्थित विश्वेश्वैया चौक पर सौपा गया। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियो को रास्तें में ही बेरीगेट्स लगाकर रोका गया। मौके पर पहुंचकर डीएम दीपक आर्य ने सर्व आदिवासी समाज संगठन मप्र, छग का संयुक्त ज्ञापन प्राप्त किया। ज्ञापन में कहा गया कि यदि मांगो को लेकर 15 दिनों के भीतर कार्यवाही की जाए अन्यथा आदिवासी समाज उक्त घटना को लेकर राज्यव्यापी के साथ ही अंतर्राज्जीय आंदोलन करने तैयार हैं। 
ज्ञापन में लगाए ये आरोप 
डीएम को सौपे गए ज्ञापन में आरोप हैं कि जिला कबीरधाम छग के जंगल भोमटेकरा मराडबरा जंगल में जिसमेें झामसिंह को सर्चिग पुलिस पार्टी के जवानों ने 50 मीटर की दूरी से गोली मारकर हत्या कर दी फिर साथी नैनसिंह पर गोली चलाई गई पर नैनसिंह के कान के पास से गोली छूते हुए कंधे पर रखी छड़ी लगकर पार हो गई फिर नैनसिंह अपनी जान बचाकर भाग खड़ा हुआ। ज्ञापन में यह भी आरोप है कि झामसिंह के शव के पुलिस पार्टी ने मप्र की सीमा में लाकर नक्सली गिरोह  के सदस्य बनाने के लिए भरमार बंदूक और कुछ खाद्यान्न सामग्री रख नक्सली साबित करने का प्रयास किया गया। ज्ञापन में आरोप लगाया गया हैं कि सबूत मिटाने परिवार पर दबाव बनाने एवं प्रलोभन देने का प्रयास किया जा रहा हैं साथ ही नाते रिश्तेदारों को भी प्रशासन के माध्यम से परेशान किया जा रहा हैं।
मांगो में ये शामिल
सौपे गए ज्ञापन मे मांगो को लेकर यह उल्लेख किया गया है कि पुलिस थाना गढ़ी में तैनात नक्सली पुलिस बल, हॉकफोर्स के दल पर हत्या कर नक्सली बताने की साजिश का मामला पंजीबध्द किया जाए। मृतक के दोनो पुत्रों को सरकारी नौकरी  जाए तथा परिवार को एक करोड़ रूपए की मुआवजा राशि का तत्काल भुगतान किया जाए। उच्चस्तरीय ज्यूडिशियली मजिस्ट्रियल जांच दल के साथ आदिवासी समाज के दस सदस्यों की टीम जिसमें तीन आदिवासी जनप्रनिधि व सामाजिक संगठनों के सात प्रतिनिधियों को भी सम्मिलित किया जाए। इसके अलावा ज्ञापन में अन्य मांगे शामिल हैं। 
 

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