बेखौफ होकर हटाएं मदन महल पहाड़ी के अतिक्रमण, दबाव डालने वाले नेताओं पर होगी कार्रवाई

बेखौफ होकर हटाएं मदन महल पहाड़ी के अतिक्रमण, दबाव डालने वाले नेताओं पर होगी कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-26 08:08 GMT
बेखौफ होकर हटाएं मदन महल पहाड़ी के अतिक्रमण, दबाव डालने वाले नेताओं पर होगी कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन और नगर निगम को आदेशित किया है कि मदन महल पहाड़ी के अतिक्रमण और अवैध निर्माण बेखौफ होकर हटाए जाएं। उन पर किसी भी प्रकार का राजनीतिक दबाव आता है तो उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने पिसनहारी की मढ़िया ट्रस्ट से कहा कि वे स्वयं सरकारी और वन भूमि से अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटा लें, नहीं तो कलेक्टर द्वारा निर्माण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके पूर्व जिला प्रशासन और नगर निगम की ओर से अंडरटेकिंग दी गई कि 1 अगस्त से 30 नवंबर तक मदन-महल और आसपास की पहाड़ियों में चिन्हित किए गए 643 अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटा दिए जाएंगे। याचिका की अगली सुनवाई 21 अगस्त को नियत की गई है। 

गुरुवार को याचिका की सुनवाई के दौरान नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से अधिवक्ता सतीश वर्मा ने युगल पीठ को बताया कि जिला प्रशासन द्वारा इंदिरा बस्ती, सूपाताल, गुप्तेश्वर पहाड़ी और सैनिक सोसायटी के पीछे पहाड़ी काबिज अतिक्रमणों का छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि अवैध धार्मिक स्थलों को भी आधा-अधूरा हटाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया है कि पहाड़ी पर बने अवैध धार्मिक स्स्थल हटाए जाने चाहिए। श्री वर्मा ने कहा कि कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पिसनहारी की मढिय़ा सरकारी वन भूमि में है। याचिकाकर्ता किशोरीलाल भलावी की ओर से अधिवक्ता बालकिशन चौधरी और याचिकाकर्ता अधिवक्ता जकी अहमद ने भी अपना पक्ष रखा। 

अब तक हटाए 2238 अतिक्रमण 
जिला प्रशासन और नगर निगम की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अजय गुप्ता ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि मदन महल और आसपास की पहाड़ी से अब तक 2238 अतिक्रमण हटा दिए गए है। 2 जुलाई से 23 जुलाई तक 154 अतिक्रमण हटाए गए है। बदनपुर के ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वाले 41 लोगों को नोटिस जारी किए गए है। जल्द ही इन निर्माणों को भी हटा दिया जाएगा। 
 

इन इलाकों में होगी कार्रवाई 
जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि मेडिकल कॉलेज के सामने, भैरव नगर और नेहरू क्षेत्र में एक अगस्त से 30 नवंबर तक अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। इन क्षेत्रों 643 अवैध निर्माण और अतिक्रमण चिन्हित किए गए है। 
 

27 जुलाई को होगी बैठक 
युगल पीठ ने 27 जुलाई को दोपहर 3 बजे संभागीय आयुक्त कार्यालय में याचिकाकर्ताओं और अनावेदक अधिकारियों की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए गए है। बैठक में याचिकाकर्ताओं की ओर से अनावेदक अधिकारियों यह बताया जाएगा कि किस-किस पहाड़ी में अभी भी अतिक्रमण काबिज है। याचिकाकर्ता अतिक्रमण की कार्रवाई के संबंध में अपने सुझाव देंगे। 
 

दोषी अधिकारियों के खिलाफ करो कार्रवाई 
सुनवाई के दौरान युगल पीठ ने आदेशित किया कि मदन-महल पहाड़ी में निर्माण की अनुमति देने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने पहले भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक आदेश का पालन नहीं किया गया है। 
 

शहर की सभी पहाड़ियों और तालाबों का सर्वे करने का आदेश 
सुनवाई के दौरान शहर की सभी पहाड़ियों और तालाबों का सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है। इन पहाड़ियों में सिद्धबाबा, बेलबाग टोरिया, गलगला टोरिया, मदार टेकरी, छोटा शिमला-बड़ा शिमला, रांझी बजरंग नगर सहित अन्य पहाडिय़ां शामिल है। युगल पीठ ने गोकलपुर तालाब, सूपाताल, हनुमानताल और अन्य तालाबों का भी सर्वे करने के लिए कहा है। युगल पीठ ने मदन-महल के आसपास के तालाबों का संरक्षण करने का भी निर्देश दिया है। 
 

पिसनहारी मढिय़ा के अवैध निर्माण हटाने के आदेश 
मामले की सुनवाई के बाद युगल पीठ ने पिसनहारी मढ़िया ट्रस्ट को आदेश दिया है कि सरकारी वन भूमि क्षेत्र में किए गए अवैध निर्माण स्वयं हटा लें, नहीं तो कलेक्टर अवैध निर्माण हटाने के लिए बाध्य होंगे। ट्रस्ट की ओर से कहा कि वे स्वयं अवैध निर्माण हटा लेंगे।

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