नागपुर: बसपा में निलंबन का दौर, चुनाव में पार्टी की बुरी हालत होने के बाद विवाद गहराया

  • बसपा में निलंबन का दौर, विवाद गहराया
  • चुनाव में पार्टी की बुरी हालत होने के बाद नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-12 09:56 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. लोकसभा चुनाव के बाद बहुजन समाज पार्टी में विवाद गहराता जा रहा है। चुनाव में पार्टी की बुरी हालत होने के बाद नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप जारी है। पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में पहले बसपा के वरिष्ठ नेता जितेंद्र घोडेस्वार, रुपेश बागेश्वर को निलंबित किया गया। अब सामान्य कार्यकर्ता सचिन कुंभारे व विवेक सांगोले को निलंबित करने से मामला और गर्मा गया है। मंगलवार को तिलक पत्रकार भवन में पत्र-परिषद में सचिन कुंभारे व विवेक सांगोले ने कहा कि निलंबित करने का अधिकार सिर्फ प्रदेशाध्यक्ष को है। लेकिन विदर्भ के अधिकारी सुनील डोंगरे और पृथ्वी शेंडे ने प्रदेशाध्यक्ष के अधिकारों को ठेंगा दिखाकर पार्टी को कमजोर करने का प्रयास किया है।

आरोप तथ्यहीन हैं : इस दौरान दोनों ने कहा कि उनपर जो आरोप लगाए गए हैं, वे निराधार हैं। आरोप तथ्यहीन हैं। दावा है कि दोनों निष्ठावंत कार्यकर्ता हैं। उनपर पार्टी की कोई जिम्मेदारी नहीं है, फिर भी उन्होंने पार्टी के चुनाव प्रचार में सक्रिय भूमिका निभाई है। कुंभारे व सांगोले ने कहा कि जिन्होंने हमें बदनाम करने का प्रयास किया है, उनपर सख्त कार्रवाई की जाए। जिन्होंने निलंबन का पत्र जारी किया है, उनका हम निषेध करते हंै। हम बसपा में काम करते रहेंगे। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सचिन कुंभारे, विवेक सांगोले के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर नेताओं पर गंभीर आरोप लगाकर उनपर भाजपा के इशारों पर काम करने और सांठगांठ का आरोप लगाया था। जिसके बाद दोनों को निलंबित किया गया था।

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