Nagpur News: अब नियंत्रण में डेंगू और चिकुनगुनिया, आशा सर्वेक्षण से संभव हो सकी है योजना
- 51 लाख 46 हजार नागरिकों का सर्वेक्षण
- आशा सर्वेक्षण से बेहतर उपाययोजना संभव
Nagpur News : शहर में बरसात के जलजमाव से मच्छरों का प्रकोप बढने से डेंगू, चिकुनगुनिया का शहर में संक्रमण बढ गया था। पिछले साल डेंगू संक्रमण में शहर पूरे राज्य में अव्वल हो गया था। महानगरपालिका प्रशासन से संक्रमण रोकने के लिए फागिंग और स्प्रेईंग के साथ जनजागरण भी किया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी नागरिकों के घरों में गमले, पुराने टायर और कबाड़ में बरसाती पानी में लार्वा पैदा हो रहा था। ऐसे में इस साल मनपा प्रशासन ने आशा वर्कस के माध्यम से घर-घर में सर्वेक्षण आरंभ किया। इस सर्वेक्षण में गंदे पानी की सफाई के साथ ही उपाययोजना को पूरा करने में भी सुविधा हुई है। ऐसे में अब डेंगू और चिकुनगुनिया का संक्रमण थम गया है। मनपा के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अगले साल भी बरसात पूर्व ही आशा सर्वेक्षण को आरंभ कर दिया जाएंगा, ताकि नागरिकांे के घरांे के साथ ही परिसर में जलजमाव को रोककर प्रभावी उपाययोजना को पहले ही पूरा किया जा सके।
इस साल जनवरी से अब तक चिकुनगुनिया के संदिग्ध 4655 और पाजिटिव 1060 और डेंगू के संदिग्ध 3615 और पाजिटिव 188 मरीज पाएं गए है। शहर में जुलाई, अगस्त, सितंबर में डेंगू और चिकुनगुनिया का खासा प्रकोप रहा है। मनपा प्रशासन ने फॉगिंग और स्प्रेईंग के लिए घनकचरा व्यवस्थापन विभाग के 50 कर्मचारियों के साथ जीपीएस ट्रॅकर वाले 10 फॉगिंग वाहनों को लगाया। इन वाहनों से जोन स्तर पर रोजाना सुबह और शाम फॉगिंग हो रही है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग से स्कूलों के विद्यार्थियों एवं सामुदायिक केन्द्रों के स्वयंसेवकों के साथ जनजागरण किया गया, लेकिन आशा वर्कर्स के माध्यम से सर्वेक्षण से प्रभावी रूप से उपाययोजना का क्रियान्वयन किया जा सका है। ऐसे में अक्टूबर से इस माह तक 530 संदिग्ध डेंगू में से 31 पाजिटिव रहे है। वहीं दूसरी ओर चिकुनगुनिया के 698 संदिग्धों में 181 पाजिटिव रहे। दोनों बीमारियो का संक्रमण थमने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
51 लाख 46 हजार नागरिकों का सर्वेक्षण
आशा स्वयंसेविकांओ ने शहर में 12,43,794 घरों का सर्वेक्षण किया है। इस सर्वेक्षण में 51 लाख 46 हजार 272 नागरिकों के स्वास्थ्य की जानकारी संकलित की गई। सर्वेक्षण के दौरान 35 हजार 697 नागरिकों को बुखार पाया गया। इनमें से 1701 संदिग्धों के नमूनों को रक्त जांच की गई। सर्वेक्षण के दौरान शहर में बड़े पैमाने पर बर्तनो समेत अन्य स्थान पर जलजमाव पाया गया था। शहर के 27,772 घरों में दूषित पानी में लार्वा मिला। इसके साथ ही 21659 स्थानों पर कूलर, 24179 गमले, 4596 मटके, 8584 बर्तनों में भी लार्वा को पाया गया है। इन स्थानों पर सफाई कर फागिंग और स्प्रे कराया गया।
आशा सर्वेक्षण से बेहतर उपाययोजना संभव
डॉ दीपक सेलोकार, स्वास्थ्य अधिकारी, मनपा के मुताबिक लगातार बरसात के चलते जलजमाव होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। लार्वा से मच्छरों के लिए पोषक स्थिति बन जाती है। मनपा कर्मचारियों की ओर से प्रत्येक घर तक पहुंच पाना संभव नहीं हाे पाता है। ऐसे में आशावर्कर्स की सहायता से घर-घर तक पहुंचकर जलजमाव, लार्वा के स्थान, बुखार से पीड़ित समेत अन्य जानकारी संकलन हो पाई। जानकारी के चलते उपाययोजना में सुविधा हुई है। अगले साल पहले से सर्वेक्षण और उपाययोजना को साकार करने में सुविधा होगी।