चुनाव की तैयारी: महायुति में पहले से अधिक सीटें पाने को जोर लगाएगी भाजपा, गडकरी की बढ़ेगी जिम्मेदारी

  • कम सीटें मिलने से इच्छुक उम्मीदवारों के पाला बदल के आसार
  • दूसरे क्रमांक पर रही सीटों पर भी रहेगा दावा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-07 16:56 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही महायुति में सीट साझेदारी को लेकर चर्चा का दौर आरंभ हो गया है। भाजपा में इच्छुक उम्मीदवारों की संख्या अधिक है। सत्ता का नेतृत्व करने के लिए उसे अधिक विधायकों की आवश्यकता रहेगी। लिहाजा भाजपा का इस बात पर जोर रहेगा कि महायुति में उसे अधिक सीट मिले। पिछले चुनावों में भाजपा के रणनीतिक मामले में तटस्थ रहे केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी इस बार मुख्य चुनाव प्रचारक रहेंगे। खबर है कि सीट साझेदारी के मामले में भी गडकरी की जवाबदारी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ सीटों को लेकर निर्णायक चर्चा में गडकरी की भूमिका अहम रहेगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इस संबंध में संकेत भी दिए है। बकौल, बावनकुले-गडकरी राज्य की राजनीति के जानकार है। भाजपा की पार्लियामेंट्री समिति के सदस्य भी है। उनका अनुभव काम आएगा।

क्या है आशंका

हरियाणा व जम्मू कश्मीर के बाद महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव होंगे। हरियाणा में भाजपा की पहली सूची के बाद बड़े स्तर पर इस्तीफे हुए हैं। महाराष्ट्र में भी वह स्थिति बन सकती है। हर्षवर्धन पाटील, गोपाल अग्रवाल जैसे नेताओं ने उम्मीदवारी के लिए भाजपा से बाहर होने की तैयारी कर ली है। यह सिलसिला अधिक बढ़ेगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व की शिवसेना उन सभी सीटों पर दावा करेगी जहां पिछले चुनाव में अविभाजित शिवसेना ने चुनाव लड़ा था। ऐसी ही स्थिति उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व की राकांपा की है। इन सहयोगियों से सीटों को लेकर सहमति बनाए रखना चुनौती होगी। रवि राणा के स्वाभिमान पक्ष, महादेव जानकर की आरएसपी सहित अन्य छोटे दलों को भी कुछ सीटें देनी पड़ेगी। 2019 में भाजपा ने 105 सीटें जीती थी। 23 सीटों पर 8 हजार से कम वोटों से पराजित हुई थी। इस लिहाज से देखें तो 128 सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा है।

इन सीटों पर रहेगा पेंच

भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार 35 से 40 सीटों पर तीनों प्रमुख दलों का दावा रहेगा। 2019 के विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखें तो प्रमुख दलों में 37 सीटों पर 5 हजार से कम वोटो से हार जीत हुई थी। इनमें भाजपा 14,राकांपा 9, शिवसेना 4 व कांग्रेस 4 सीटों का समावेश है। 2019 में भाजपा 288 में से 164 सीटों पर लड़ी। 105 सीटें जीती। 55 पर दूसरे व 04 पर तीसरे स्थान पर रही। 2014 में उसने 260 पर लड़कर 122 सीटें जीती थी। 60 पर दूसरे व 56 पर तीसरे स्थान पर थी। इस बार भाजपा 180 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का टारगेट बनाए हुए है।

2019 में भाजपा 288 में से 164 सीटों पर लड़ी। 105 सीटें जीती। 55 पर दूसरे व 04 पर तीसरे स्थान पर रही। 2014 में उसने 260 पर लड़कर 122 सीटें जीती थी। 60 पर दूसरे व 56 पर तीसरे स्थान पर थी।

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