पशोपेश: डेढ़ साल से आयुष मंत्रालय ने नहीं ली सुध, होमियोपैथी संस्थान के लिए तरस रही उपराजधानी

  • केंद्रीय मंत्री के पत्र पर भी नहीं हो सकी पहल
  • आयुष मंत्रालय ने नहीं ली सुध

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-16 12:51 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. उपराजधानी नागपुर को मेडिकल हब माना जाता है। यहां सरकारी के अलावा बड़े निजी अस्पताल है। सुुविधाएं व संसाधन होने के कारण यहां मध्य भारत से मरीज उपचार के लिए आते है। कुछ मामलो में नागपुर अब भी पिछे है। यहां पिछले अनेक वर्षों से होमियोपैथी संस्थान बनाने के लिए प्रयास किये जा रहे है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री ने आयुष मंत्रालय को पत्र देकर सकारात्मक पहल करने का अनुरोध किया था। बावजूद इस दिशा में सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है।

संस्था में हो सकेगा अनुसंधान कार्य

नागपुर में अखिल भारतीय होमियोपैथी संस्थान बनाने के लिए बरसों से प्रयास किया जा रहा है। ताकि यहां होमियोपैथी पर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुुरु हो सके और विविध बीमारियों व दवाओं पर अनुसंधान कार्य हो सकेगा। इसका लाभ मध्य भारत के पांच प्रदेशों को मिल सकेगा। नागपुर की ऑरेंज सिटी होमियोपैथी संस्थान ने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी को पत्र दिया था। केंद्रीय मंत्री ने आयुष मंत्रालय को इस विषय पर सकारात्मक पहले की गुजारिश की थी। इस बात को डेढ़ साल से अधिक समय बीता है। लेकिन सकारात्मक पहल नहीं हो पायी है।

देश का एकमात्र होमियोपैथी संस्थान होगा

देशभर में होमियोपैथी का प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत ऑरेंज सिटी होमियोपैथी संस्थान ने देश का एकमात्र अखिल भारतीय होमियापैथी संस्थान बनाने की पहल की है। संस्थान के साथ होमियोपैथी से जुड़ी कुछ अन्य संस्थाएं भी संलग्न है। सूत्रों के अनुसार करीब 10 साल से प्रयास जारी है। इस संबंध में 2022 में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी को पत्र देकर पहल की गुजारिश की थी। गडकरी ने इसे गंभीरता से लेते हुए आयुष मंत्रालय को पत्र देकर सकारात्मक पहल करने का अनुरोध किया था। इसे डेढ़ साल बीत चुके है। लेकिन कोई कदम नहीं उठाये गए है। बताया जाता है कि केंद्र सरकार के पास राज्य सरकार द्वारा सिफारिश करने पर यह संभव हो सकता है।

राज्य सरकार का सिफारिश पत्र केंद्र सरकार को देने पर ही विचार किया जा सकता है। पिछले दिनों लोकसभा चुनाव के चलते यह संभव नहीं हो पाया था। अब बताया गया कि विधानसभा चुनाव के बाद ही इस विषय पर राज्य सरकार विचार करेगी। होमियाेपैथी संस्थान निर्माण से पांच प्रदेशों के विद्यार्थियों को अध्ययन का और होमियोपैथी डॉक्टरों को नये-नये अनुसंधान का मौका मिलेगा। संस्थान में होमियोपैथी से संबंधित स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरु किये जा सकेंगे।

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