जबलपुर: शहर के दुर्गा पंडालों में झाँकियाँ मन को भाएंगी

2 माह से तैयारी शुरू हो गई

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-16 09:47 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

जंगल के अंदर जैसे ही जाएँगे वैसे ही गोरिल्ला का सामना होगा फिर आगे बढ़ेंगे तो उछलते-कूदते बंदर दिखेंगे। इसी के साथ विशाल महाकालेश्वर मंदिर भी अपने भव्य स्वरूप में होगा, जिसमें मंदिर के बाहर नंदी बैठे होंगे। शेर पर सवार होकर 51 फिट की माँ आदिशक्ति भक्तों को दर्शन देंगी। कुछ ऐसा ही शानदार नजारा होगा शहर के दुर्गा पंडालों का, जहाँ माँ दुर्गा का स्वरूप देखते ही बनेगा। पर्यावरण को बचाने और ग्रीनरी को बढ़ाने का संदेश देती हुई झाँकियाँ दर्शकों को नेचर के प्रति अवेयर भी करेंगी।

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन

सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति गोराबाजार आजाद चौक समिति 75 साल पुरानी है। अध्यक्ष अरुण कोरी ने बताया कि सन् 91 में यहाँ राम मंदिर बना था। इस बार उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर 70 फीट का बना है। मंदिर के अंदर 11 फीट की मातारानी शिव शंभू की मुद्रा में बैठी हैं और बाहर नंदी विराजमान हैं। इस मंदिर को कलाकार आनंद और संदीप रावत ने बनाया है।

जंगल के अंदर गोरिल्ला और बंदर

पर्यावरण को सँवारने और जंगल बचाने का संदेश देते हुए कमला नेहरू नगर युवा दुर्गा समिति गोरिल्ला हाउस दिख रहा है। समिति अध्यक्ष कमल दीक्षित ने बताया कि 34 साल पुरानी समिति ने करीब 5 हजार स्क्वेयर फीट के गार्डन में जंगल थीम डेकोरेट की है। जहाँ माँ विराजमान हैं। 2 गोरिल्ला, बंदर यहाँ चहल कदमी करते मिलेंगे। कलाकार जयेश गुप्ता द्वारा डेकोरेशन किया गया है।

2 माह से तैयारी

माँ दुर्गा उत्सव समिति टेलीग्राफ गेट नंबर-4 में 51 फीट की माँ भवानी शेर पर सवार हैं। अध्यक्ष प्रवेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि यह समिति 38 साल पुरानी है। मूर्तिकार छोटेलाल चक्रवर्ती ने प्रतिमा बनाई है। माँ शेर पर सवार होकर भक्तों को दर्शन दे रही हैं। बाँस और चटाई के ऊपर मिट्टी से माँ को आकार दिया गया है। करीब 2 माह पहले से प्रतिमा बन रही है।

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