जबलपुर: लेमा गार्डन की जमीन का क्यों किया जा रहा मनमाना उपयोग

  • जनहित याचिका पर राज्य शासन व नगर निगम सहित अन्य काे नोटिस
  • हितग्राहियों ने लेमा गार्डन में पहले हो चुके भूमि आवंटन की जानकारी नहीं दी थी।
  • नगर निगम आयुक्त ने 2015 में मेयर-इन-काउंसिल को लेमा गार्डन की भूमि को लेकर पत्र लिखा था

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-24 11:11 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि  लेमा गार्डन की जमीन का मनमाना उपयोग हो रहा है। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने राज्य शासन व नगर निगम जबलपुर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है।

जबलपुर निवासी अधिवक्ता शंकर प्रसाद सिंह व पद्मावती जायसवाल ने अपना पक्ष स्वयं रखा। उन्होंने दलील दी कि पहले निवाड़गंज में थोक सब्जी का व्यापार किया जाता था। राज्य शासन के आदेशानुसार यहाँ की सब्जी व फल मंडी लेमा गार्डन गोहलपुर स्थानांतरित कर दी गई।

1995 में नगर निगम ने रजिस्ट्री कर दी। आवंटन के समय शर्त रखी गई थी कि भूमि का उपयोग सब्जी व फल मंडी के लिए ही किया जाए। यदि दूसरा कोई उपयोग किया गया तो भूमि वापस ले ली जाएगी। बाद में लेमा गार्डन वाले अधिकतर सब्जी व फल व्यवसायियों को विजय नगर कृषि उपज मंडी में दुकानें आवंटित हो गईं।

हितग्राहियों ने लेमा गार्डन में पहले हो चुके भूमि आवंटन की जानकारी नहीं दी थी। नगर निगम आयुक्त ने 2015 में मेयर-इन-काउंसिल को लेमा गार्डन की भूमि को लेकर पत्र लिखा था, जिसमें दूसरा उपयोग पाए जाने पर भूमि आवंटन निरस्त करने पर चर्चा हुई थी।

चित्तरंजनदास वार्ड के पार्षद प्रमोद पटेल ने निगमायुक्त को पत्र लिखकर लेमा गार्डन के सब्जी व फल व्यापारियों को आवंटित भूमि वापस लेने की माँग की थी। जिनको भूमि आवंटित की गई वे कबाड़खाना, कूलर-अलमारी, ई-रिक्शा चार्जिंग, एमब्रायडरी व गैस सिलेंडर बेचने जैसे अनुचित कार्य वहाँ कर रहे हैं।

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