जबलपुर: इम्युनिटी पर मौसम का असर, डायरिया के साथ डेंगू-मलेरिया का भी खतरा बढ़ा

  • चिकित्सकाें ने कहा- इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत
  • फिलहाल अस्पताल में मच्छर जनित रोगों के पीड़ित नहीं आ रहे हैं
  • किसी भी तरह की समस्या होने पर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-22 09:13 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीते कुछ दिनों से मौसम में हुए बदलाव के बाद जिला अस्पताल की ओपीडी और आईपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही अभी मरीजों की संख्या कम है लेकिन बारिश का महीना अपने साथ कई तरह की बीमारियाँ भी लेकर आता है, जिससे बचना बहुत जरूरी होता है।

मानसून के शुरुआती दिनों में कभी धूप, कभी बारिश की स्थिति सेहत के लिए कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण हो जाती है। वातावरण में आर्द्रता की शुरुआत के साथ ही कई प्रकार के रोग भी पनपने शुरू हो जाते हैं। यह मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए भी काफी अनुकूल माना जाता है।

जिसके कारण बरसात शुरू होते ही डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी कई तरह की मच्छर जनित बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है। किसी भी तरह की समस्या होने पर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

डेंगू-मलेरिया से बचाव की जरूरत

जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. पंकज ग्रोवर ने बताया कि मानसून में कई तरह के मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू आदि का खतरा काफी बढ़ जाता है। फिलहाल अस्पताल में मच्छर जनित रोगों के पीड़ित नहीं आ रहे हैं, लेकिन इस मौसम में संक्रमित मच्छरों के काटने के कारण मलेरिया व डेंगू जैसी बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है। ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है।

बढ़ जाता है बीमारियों का जोखिम

जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. केके वर्मा ने बताया कि बदलते मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। बरसात के मौसम में सर्दी, खाँसी, उल्टी, दस्त, वायरल बुखार, फंगल इन्फेक्शन, हेपेटाइटिस और टायफाइड जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।

लंबे समय तक गीले कपड़े पहनने या लगातार बारिश के पानी में भीगने से सर्दी, बुखार, खाँसी व फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इनसे बचने के लिए बाहर जाते समय अपने साथ कपड़ों का एक अतिरिक्त जोड़ा रखें।

बदलते मौसम में वायरल फीवर के मामले बढ़ते हैं। बुजुर्गों के साथ बच्चे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। इस मौसम में बच्चों व बुजुर्गों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।

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