जबलपुर: बरगी डैम के गेट खुले बिना ही नर्मदा में अचानक बढ़ा पानी, मची अफरा-तफरी

  • अप्रत्याशित बाढ़ से घबराए लोग और व्यापारी, दुकानों में कमर तक भरा पानी, 33 साल बाद बने ऐसे हालात
  • बाँध से नर्मदा में जो जल हर दिन छोड़ा जाता है उससे नर्मदा में पानी की रफ्तार बेहतर होती है।
  • नर्मदा का प्रवाह व जल स्तर इतनी तेजी से बढ़ा कि चाहकर भी कई चीजों को बहने से नहीं बचाया जा सका।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-24 10:36 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। उमाघाट और गौरीघाट के व्यापारी और अन्य लोग सोमवार देर रात तक पूरी तरह निश्चंत थे, उन्हें लगा कि इतनी बारिश में नर्मदा उफान पर नहीं आएगी। बरगी डैम के गेट भी नहीं खुले हैं, लेकिन मंगलवार की सुबह नजारा बदल गया।

नर्मदा में अचानक बाढ़ आ गई। मौके पर मौजूद युवा व्यापारियों ने बताया कि ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा। वहीं बुजुर्ग नागरिकों ने बताया कि करीब 33 साल पहले इसी तरह की बाढ़ आई थी, जब बरगी डैम के गेट खुले बिना ही नर्मदा का जल स्तर खतरनाक ढंग से बढ़ गया था। बहरहाल अचानक बढ़े जलस्तर की वजह से क्षेत्रीय कारोबारी और निवािसयों को परेशानी उठानी पड़ी।

सहायक नदियों में बढ़ा पानी

जानकारों का कहना है कि लगातार बारिश होने की वजह से नर्मदा की सहायक नदी गौर और टेमर का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। इसके कारण नर्मदा में बाढ़ आ गई। गौरीघाट निवासी सुजीत अवस्थी और नर्मदा प्रसाद बर्मन का कहना है कि इसके पहले वर्ष 1991 में सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने से नर्मदा में बाढ़ आई थी। उस समय भी काफी नुकसान हुआ था।

पहले से किया जाता था अलर्ट

स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि अक्सर बरगी डैम के गेट खुलने पर ही नर्मदा नदी में बाढ़ आती है, लेकिन गेट खुलने के पहले सभी को अलर्ट कर दिया जाता है। समय रहते लोग घाटों पर रखे अपने तखत, पेटियों, बॉक्स और अन्य सामग्री हटा लेते हैं, जिससे ज्यादा नुकसान नहीं होता है। इस बार इसके लिए मौका ही नहीं मिल पाया। नर्मदा का प्रवाह व जल स्तर इतनी तेजी से बढ़ा कि चाहकर भी कई चीजों को बहने से नहीं बचाया जा सका। माना जा रहा है कि जल स्तर अभी और भी बढ़ सकता है।

अन्य तटों पर भी यही हाल

बताया गया है कि ऊपरी हिस्सों में हो रही बारिश के कारण नर्मदा लगभग उफान पर है। गौरीघाट, उमाघाट के अलावा जिलहरीघाट, दरोगाघाट, तिलवाराघाट, भेड़ाघाट आदि में भी नर्मदा का जल स्तर बढ़ गया है। यह नजारा देखने के लिए शाम को कई लोग भी

तटों पर पहुँचे। हालाँकि स्थानीय नागरिक उन्हें सावधान रहने व कैचमेंट एरिया से दूरी बनाए रखने की सलाह देते रहे।

दो दिन में दो मीटर भर गया बरगी बाँध

दो दिन पहले तक बरगी बाँध में पानी की कमी थी और सबकी निगाहें बाँध के जल्द भरने पर टिकी थीं। अब लेकिन बाँध में पानी को लेकर संतोषजनक हालात हैं। मण्डला, डिण्डौरी और जंगली हिस्सों में हुई बारिश का असर है कि बाँध दो दिनों में दो मीटर भर गया है। बाँध का जलस्तर मंगलवार की शाम तक 415.10 मीटर पर पहुँच गया। यह सुबह तक 20 से 25 सेण्टीमीटर और भरने की संभावना है।

इसकी वजह यह है कि बाँध में अभी 1800 घनमीटर प्रति सेकेण्ड की रफ्तार से पानी आ रहा है। रानी अवंती बाई सागर परियोजना के ईई अजय सुरे कहते हैं कि शेड्यूल के अनुसार बाँध में अभी एक या दो दिनों के अंदर 417.50 मीटर के ऊपर पानी पहुँचता है तो बाँध के 3 से 5 गेटों को खोला जा सकता है लेकिन यह बाँध में पानी आने की रफ्तार पर निर्भर है।

वैसे 24 घंटों में बाँध के जल भराव वाले स्टेशनों में 100 एमएम के करीब बारिश हुई है। गौरतलब है कि बरगी बाँध नर्मदा में बना पहला बाँध है इसके जल्द भरने से आगे के बाँधों के भरने की संभावना बेहतर हो जाती है।

इस बाँध से नर्मदा में जो जल हर दिन छोड़ा जाता है उससे नर्मदा में पानी की रफ्तार बेहतर होती है। हर लिहाज से बाँध उपयोगी है और पूरे मानसून सीजन में इसके ऊपर सभी की नजर होती है।

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