जबलपुर: एक आवास के लिए यूनियनों ने ठोका दावा, कर्मचारियों की सुनवाई नहीं

पमरे में क्वार्टर आवंटन को लेकर बंदरबाँट, कर्मचारियों को आवास नहीं मिलने से बढ़ रहा आक्रोश

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-06 08:04 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल में इन दिनों आवास आवंटन को लेकर अपनाई जा रही प्रक्रिया को कर्मचारियों द्वारा गलत ठहराया जा रहा है। अधिकांश आवासों में यूनियन के कार्यालय और उनके पदाधिकारियों के काबिज होने से कर्मचारियों को आवास नहीं मिलने से उनमें आक्रोश व्याप्त है। अधिकारियों की नाराजगी का शिकार न बन जाएँ इसलिए कर्मचारी खुलकर अपनी बात तक नहीं रख पाते हैं। इन दिनों श्वेताम्बरी के सामने खाली हुए बँगला नंबर ई-108 को लेकर जमकर बवाल मचता देखा जा रहा है। इस बँगले में रहने के लिए कुछ रेल कर्मचारियों द्वारा इच्छा जाहिर कर आवास आवंटन के लिए रेल प्रशासन को आवेदन दिया गया है, वहीं दूसरी ओर रेलवे के यूनियन पदाधिकारियों द्वारा भी अपनी-अपनी यूनियन को इसे आवंटित करने दबाव बनाया जा रहा है। इस दबाव के चलते काफी हद तक कर्मचारी इस बात को मान रहे हैं कि किसी न किसी यूनियन को यह आवास आवंटित हो जाएगा और कर्मचारी फिर वंचित हो जाएँगे। हालांंकि कर्मचारियों को इस बात का थोड़ा विश्वास है कि हाल ही में पमरे की नई महिला जीएम की पदस्थापना होने से कर्मचारियों के साथ अन्याय नहीं होगा।

गौरतलब है कि इस पखवाड़े में रेलवे की क्वाॅर्टर कमेटी की मीटिंग होने वाली है। वहीं मीटिंग से पूर्व ही रेलवे की यूनियनों द्वारा उक्त बँगला आवंटन करने डीआरएम को आवेदन दे रखे हैं। इसके लिए अपने-अपने तरीके से प्रयास भी किए जा रहे हैं, जबकि पहले से ही इन यूनियनों के पास कार्यालय व आवास के लिए बँगले हैं। अब इस खाली हुए बँगले को पाने जिस तेजी से कवायद हाे रही है, उससे उन कर्मचारियों में निराशा व्याप्त है, जिन्होंने पहले से ही इस बँगले को पाने आवेदन दे दिया है।

पहले से ही यूनियन के पास हैं बँगले

रेलवे की यूनियनों के पास पहले से ही एक या दो नहीं, बल्कि अनेक बँगले हैं। कुछ में यूनियन पदाधिकारियों के आवास हैं तो कुछ में कार्यालय बनाए गए हैं। कहीं-कहीं तो एक साथ दो बँगले आवंटित कराए गए हैं, जिनमें एक में कार्यालय तो बाजू वाले बँगले में आवास बनाया है और बीच से एक दरवाजा खोलकर उसका इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा रेलवे के डीए ई एवं एफ टाइप के बड़े बँगलों में यूनियनों के कार्यालय खुले हैं। डीआरएम कार्यालय के बाहर दोनों ओर बने बँगलों के साथ ही सिविल लाइन, इलाहाबाद चौक के समीप, स्टेशन के दोनों ओर तथा प्रमुख मार्गों पर यूनियन के कार्यालय संचालित हो रहे हैं।

कर्मचारी के नसीब में मल्टीस्टोरीज बिल्डिंग

वहीं दूसरी ओर रेलवे कर्मचारी आवास पाने आवेदन देकर चक्कर लगाते रहते हैं, मगर उन्हें बँगले आवंटित नहीं किए जा रहे हैं। जब कभी आवास आवंटन की बारी आती है तो उन्हें मल्टीस्टोरीज बिल्डिंग में दे दिया जाता है। इसके बदले उनके वेतन से प्रतिमाह 10 से 15 हजार रुपए की कटौती होती है। इतनी राशि देने के बाद भी कर्मचारियों को आवास आवंटन के लिए भटकना पड़ता है, बँगला तो शायद कर्मचारियों को मिलना संभव ही नहीं है।

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