प्रशिक्षण संस्थानों और मानव संसाधन विकास की क्षमता निर्माण पर कार्यशाला में शामिल हुए केन्द्रीय मंत्री
दिव्यांगता के क्षेत्र में शिक्षण बड़ी चुनौती
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
केन्द्र शासन के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने मंगलवार को मंडला रोड स्थित स्पोर्ट्स क्लब में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में दिव्यांगता क्षेत्र में प्रशिक्षण संस्थानों और मानव संसाधन विकास की क्षमता निर्माण पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। भारतीय पुनर्वास परिषद, नई दिल्ली द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में केन्द्रीय मंत्री ने दिव्यांग शब्द में ही निहित आत्म-सम्मान, सशक्तिकरण और गरिमा प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने सभी को प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा आरसीआई के विजन डॉक्यूमेंट 2030 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दिव्यांग व्यक्तियों को रोजगार उन्मुख विशेष शिक्षा कार्यक्रमों के संदर्भ में सशक्त बनाने की आवश्यकता है। दिव्यांगता के क्षेत्र में शिक्षण का कार्य किसी चुनौती से कम नहीं है क्योंकि दिव्यांगता की अलग-अलग कैटेगिरी होती हैं जिसके अनुसार ही उन्हें शिक्षित करना होता है। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में 11 विभिन्न राज्यों के 300 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी रही। जिसमें दिव्यांग व्यक्तियों के पुनर्वास के क्षेत्र में विभिन्न हितधारक, जैसे नीति निर्माता, विशेष शिक्षक आदि मौजूद थे। कार्यक्रम के अतिथि और सांसद राकेश सिंह ने लाभकारी रोजगार के लिए जिले में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सक्षम कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाने की आवश्यकता बताई। भारतीय पुनर्वास परिषद के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने अनुभवात्मक शिक्षा, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कौशल विकास, जीवन कौशल विकास को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय शैक्षिक नीति (एनईपी) के लक्ष्यों को सुविधाजनक बनाने की बात कही। इस दौरान जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डाॅ. जितेन्द्र जामदार व वरिष्ठ समाजसेवी दीपांकर बैनर्जी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में बताया गया कि राष्ट्रीय कार्यशाला का उद््देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति और मानव संसाधन विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करना है। उद्घाटन सत्र डॉ. सुबोध कुमार, उपनिदेशक, आरसीआई, नई दिल्ली के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुआ।