सीएम राइज के तीन हजार छात्र, बस के नाम पर सब बेबस

अभी तक बसों के संचालन को लेकर हीलाहवाली की स्थिति, जिले के 10 स्कूलों में शुरू होनी है बस सेवा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-24 09:56 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

सीएम राइज स्कूलों की संख्या 10 और उसमें पढ़ने वाले विद्यार्थी तकरीबन 3 हजार। सब के सब बस के मामले में बेबस हैं। दरअसल, शैक्षणिक सत्र शुरू होने के कई दिनों बाद भी छात्रों को बस की सुविधा मुहैया नहीं हो पाई है। अधिकांश विद्यार्थी पैदल या फिर किसी अन्य साधन से स्कूल पहुँच रहे हैं। विद्यार्थियों के मामले में जिम्मेदार विभाग कितने लापरवाह हैं इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछला सत्र बस के इंतजार में ही बीत गया। पूरे वर्ष बस की सर्विस नहीं मिल पाई। शैक्षणिक सत्र 2023-24 में जुलाई का महीना भी ऐसे ही बीत गया लेकिन बस मुहैया कराने की प्रक्रिया अभी भी पूरी नहीं हो पाई है।

टेंडर निकले, बिड भी खुलीं

जिले के तीन हजार विद्यार्थियों को बस सुविधा के लिए निविदा निकाली गई है। इस प्रक्रिया में पहले चरण की टेक्निकल बिड ओपन हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि अब फाइनेंशियल बिड कलेक्टर के सामने खुलनी बाकी है।

पहले कुछ ऐसे बड़े-बड़े दावे

एक वर्ष पहले जब सीएम राइज स्कूलों की शुरुआत हुई उस वक्त दावा किया गया कि स्कूल हर मामले में निजी स्कूलों से भी बेहतर साबित होंगे। अधिकांश विद्यार्थियों ने सुविधाओं को देखकर स्कूलों में प्रवेश ले लिया। शुरुआती दौर में पुराने भवनों में ही सीएम राइज स्कूल संचालित हुए। बाद में भवनों को थोड़ा बहुत आकर्षक बना दिया गया। परिवहन की सुविधा की वजह से दूरदराज से भी विद्यार्थियों ने विद्यालय में प्रवेश ले लिया। सबसे अधिक समस्या ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को आ रही है जहाँ पर दूर-दूर के गाँव से आते हैं। अब ऐसे विद्यार्थियों को निजी स्तर पर सार्वजनिक परिवहन और वैन का सहारा लेकर स्कूल पहुँचना पड़ रहा है और इसके लिए अच्छी खासी रकम देनी पड़ रही है।

माइनस पॉइंट

बस सेवा प्रारंभ करने के लिए पिछले वर्ष भी निविदा प्रक्रिया अपनाई गई। सालभर में दो बार से ज्यादा यह प्रक्रिया हुई लेकिन बस सेवा प्रारंभ नहीं हुई।

बताया जाता है कि बस संचालक सेवा देना चाहते हैं लेकिन प्रति विद्यार्थी 1500 से 1700 रुपए मासिक स्कूल शिक्षा विभाग से माँग रहे हैं।

वहीं शासन स्तर पर एक हजार रुपए के आसपास ही प्रति विद्यार्थी देने की मंशा है, इस वजह से बस संचालक कार्य करने से पीछे हट रहे हैं।

इस बार भी निविदा में कई दावेदार हैं लेकिन निर्णय कलेक्टर स्तर पर होना है। यह भी सुनिश्चित नहीं है कि सेवा कब तक शुरू हो पाएगी।

Tags:    

Similar News