फाइनल परीक्षा से पहले होगा कड़ा इम्तिहान, राहत की बात 40प्रतिशत सवाल ऑब्जेक्टिव रहेंगे
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी परीक्षा फरवरी से
डिजिटल डेस्क जबलपुर। कहते हैं परीक्षा से ज्यादा परीक्षा का इंतजार ज्यादा डराता है। शिक्षा विभाग ने इसी डर को जीतने के लिए नया फॉर्मूला तैयार किया है। दरअसल, 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा से पहले अहम टेस्ट के जरिए विद्यार्थियों का आकलन किया जाएगा लेकिन इसमें बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए 40 प्रतिशत प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप रखे गए हैं। जानकारों का कहना है कि इससे विद्यार्थियों को 30 नंबर हासिल हो सकेंगे।
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी परीक्षा फरवरी में शुरू होने वाली है। हाई स्कूल परीक्षा में सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, गणित सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों में 30 नंबर के प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे। इनमें एमसीक्यू, रिक्त स्थान, सही-गलत, जोड़ी मिलान जैसे प्रश्न भी शामिल रहेंगे। ऐसे में छात्रों के पास यह मौका होगा कि वे सही जवाब देकर पूरे-पूरे अंक हासिल कर सकें। इसके लिए स्कूलों में भी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की तैयारी के लिए विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है।
ऐसी है अंक योजना
मंडल द्वारा तैयार की गई अंक योजना के 75 नंबर के पेपर में 30 नंबर केवल वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के होंगे। यह पूरे पेपर का 40त्न है। इस तरह से वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के सही जवाब देकर छात्र बेहतर अंक प्राप्त कर सकते हैं। यानी सीधे तौर पर पास हो सकते हैं। इसी तरह 12वीं में हिंदी में 32 नंबर के वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे। इनमें भी प्रत्येक उप प्रश्न पर एक अंक निर्धारित रहेगा।
ज्ताकि लघु-दीर्घ उत्तर भी लिख सकेंगे
विषय-विशेषज्ञों का कहना है कि वस्तुनिष्ठ प्रश्न किसी भी पाठ के बीच में से पूछे जा सकते हैं। पाठ के अंत में दिए गए मुख्य बिंदुओं से भी इन्हें पूछा जाता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि छात्र ने पाठ ठीक से पढ़ा हो लेकिन अगर स्कूलों में अभ्यास प्रश्नों में भी यह पूछे जाएँगे तब भी छात्रों को विषय से संबंधित जानकारी हो सकेगी और वे लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न भी लिख सकेंगे।पी-4
रेमेडियल क्लास शुरू
वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के सही उत्तर देने से छात्र सीधे तौर पर पास होंगे। यह उनके कुल नंबर बढ़ाने में भी मदद करेंगे लेकिन यह जरूरी है कि छात्रों ने पाठ ठीक से पढ़ा हो। इससे परीक्षा के प्रति सकारात्मक सोच बनेगी और बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। स्कूलों में रेमेडियल क्लास भी शुरू की गई है।
-आरके बधान, सहायक संचालक, परीक्षा प्रभारी