जबलपुर: तीसरे दिन भी मुसीबत नहीं हुई कम कॉलोनियों की सड़कों पर भरा पानी
- आवागमन में हो रही परेशानी, नहीं पहुँच रही नगर निगम की टीम
- सड़कों पर पानी होने के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
- नगर निगम के अधिकारियों से पानी निकासी के लिए कहा जा रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। लगातार तीन दिन से हो रही बारिश से शहर की कई कॉलोनियों की सड़कों पर पानी भरा हुआ है। इससे लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जलभराव से परेशान लोग नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन उनके क्षेत्र में टीम नहीं पहुँच रही है। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम का अमला बुधवार को दिन भर जलनिकासी में जुटा रहा।
कछपुरा मालगोदाम के समीप स्थित गणेश नगर, श्रीनगर और पुष्प नगर की सड़कों पर पिछले तीन दिन से पानी भरा हुआ है। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि जलभराव के कारण लोगों को आने-जाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नालियाँ नहीं होने कारण पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। नगर निगम के अधिकारियों से पानी निकासी के लिए कहा जा रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
अमखेरा और गोहलपुर क्षेत्र में स्थिति विकराल
सबसे ज्यादा जलभराव की शिकायतें अमखेरा और गोहलपुर क्षेत्र में बनी कॉलोनियों से आ रही हैं। यहाँ पर जलभराव की समस्या विकराल होती जा रही है। यहाँ की ज्यादातर कॉलोनियों में जलनिकासी की व्यवस्था ही नहीं है।
ओमकार नगर, आस्था परिसर, जागृति नगर व अमन नगर की सड़कों पर पानी भरा हुआ है। इसके कारण लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
परसवाड़ा स्कूल में भरा पानी
धनवंतरी नगर के पास स्थित परसवाड़ा के स्कूल में पानी भर गया है। पानी भरने के कारण शिक्षकों और छात्रों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके कारण बड़ी संख्या में बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं।
महाराणा प्रताप वार्ड में तीसरे दिन भी राहत नहीं
महाराणा प्रताप वार्ड के धनवंतरी नगर, भूकंप कॉलोनी और मड़फैया में पिछले तीन दिन से लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है। घरों में पानी भरने से ज्यादातर लोगों का सामान खराब हो रहा है।
सड़कों पर पानी होने के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। नगर निगम के कर्मचारी बारिश के पानी की निकासी के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन नालियाँ नहीं होने के कारण पानी निकालने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है।