जबलपुर: अतिशेष के खिलाफ आपत्ति लगाने वाले शिक्षकों का लगा रहा ताँता
- जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पहुँचे सौ से ज्यादा आवेदन
- अतिशेष शिक्षकों को 28 अगस्त को काउंसलिंग के माध्यम से शाला चयन का अवसर प्रदान किया जाएगा।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अतिशेष शिक्षक माने जाने के खिलाफ दावे-आपत्ति करने वाले शिक्षकों का मंगलवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में ताँता लगा रहा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जबलपुर जिले की शालाओं में 378 अतिशेष शिक्षक हैं।
इनमे प्राथमिक शालाओं में 181 अतिशेष एवं माध्यमिक शालाओं में 197 अतिशेष शिक्षक हैं। इनमें से 100 से ज्यादा शिक्षकों ने दावे-आपत्तियाँ पेश की हैं। प्रभारी अधिकारी आरके वधान का कहना है कि संकुल प्राचार्यों की मदद से दावे-आपत्तियों का निराकरण कराया जाएगा।
इसके साथ ही 28 अगस्त को ऑनलाइन काउंसलिंग के जरिए शालाओं में अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी। संचालनालय से जारी हुए निर्देश के मुताबिक शैक्षणिक संस्थाओं में संख्यामान एवं विषयमान की जैसी भी स्थिति, उस अनुसार अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना की जानी है।
इसके अलावा काउंसलिंग की जानकारी कार्यालयीन सूचना पटल पर चस्पा की जाए और जो अतिशेष शिक्षक जिस शाला में पदस्थ हों, वहाँ शिक्षकों की कमी हो तो उन्हें वहीं पदस्थ किया जाए। पूरी प्रक्रिया में वरिष्ठता का भी पालन किया जाए।
गंभीर बीमारों को रखा जाए अतिशेष से मुक्त
अतिशेष शिक्षकों को 28 अगस्त को काउंसलिंग के माध्यम से शाला चयन का अवसर प्रदान किया जाएगा। ऐसे में यदि गंभीर बीमारियों से पीड़ित और सेवानिवृत्ति के करीब शिक्षकों को या तो अतिशेष से मुक्त रखा जाए या फिर काउंसलिंग में उन्हें पहले प्राथमिकता दी जाए।
इससे उन्हें शहर में ही शाला चुनने का अवसर मिल सकेगा। इसके साथ ही सेवानिवृत्ति के करीब शिक्षकों को भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। मप्र जागरूक अधिकारी-कर्मचारी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रॉबर्ट मार्टिन, हेमंत ठाकरे, राजेश सहारिया, रऊफ खान, गुडविन चार्ल्स, शहीर मुमताज, हरीश चन्द्र वर्मा, फिलिप अंथोनी आदि ने ऐसे शिक्षकों को काउंसलिंग में प्राथमिकता देने की माँग की है।