जबलपुर: कछपुरा मालगोदाम में हर तरफ दलदल-गंदगी, पूरा इलाका त्रस्त

  • वाहनों की आवाजाही से भी काॅलोनीवासी परेशान
  • लोगों ने कहा शहर बढ़ गया है अब बाहर स्थापित किया जाए मालगोदाम
  • हालात ये हैं कि यह मालगोदाम अब कबाड़ की शक्ल ले रहा है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-28 14:10 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। समय के साथ शहर का लगातार विस्तार हो रहा है। नगर निगम की सीमाएँ अब एक ओर तेवर तक तो दूसरी ओर सुहागी तक पहुँच गई हैं। बढ़ती आबादी और शहर के विस्तार के साथ कछपुरा मालगोदाम अब शहर के बीचों-बीच आ गया है।

इसके आसपास दो दर्जन से अधिक काॅलाेनियाँ बस गई हैं। इन काॅलोनियों में रहने वाले अब कछपुरा मालगोदाम के कारण होने वाली दिक्कतों का खामियाजा भुगत रहे हैं। यहाँ रात भर वाहनों की आवाजाही और उससे उड़ती डस्ट से लोगों की परेशानी बढ़ रही है। हालात ये हैं कि यह मालगोदाम अब कबाड़ की शक्ल ले रहा है।

यहाँ हर तरफ कीचड़ और गंदगी नजर आने लगी है। बारिश में दुर्गंध से लोगों का बुरा हाल है, तो धूप निकलने पर यहाँ उड़ती धूल लोगों का जीना दूभर कर रही है। इस मालगोदाम के आसपास रहने वालों का कहना है कि समय के साथ अब इस मालगोदाम को शहर से दूर किसी बायपास में शिफ्ट कर देना चाहिए।

जब शिफ्ट किया गया था तब यहाँ आबादी नहीं थी

जानकारों का कहना है कि सबसे पहले मालगोदाम जबलपुर मुख्य स्टेशन के समीप प्लेटफाॅर्म नंबर-6 की ओर संचालित था। यहाँ वाहनों की आवाजाही बढ़ने और लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए वर्षों पहले इस मालगोदाम को स्टेशन से दूर कर कछपुरा में शिफ्ट कर दिया गया था। जानकार बताते हैं कि जिस वक्त यहाँ मालगाेदाम शिफ्ट किया गया था उस वक्त यहाँ न तो कालोनियाँ थीं और न ही आबादी क्षेत्र था। आसपास खेत और मैदान ही नजर आते थे, मगर धीरे-धीरे यहाँ कॉलोनियाँ बनने लगीं और यह बड़ी आबादी वाला क्षेत्र बन गया।

दुर्घटनाओं की आशंका

इस मालगोदाम के आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि यहाँ आयरनओर, सीमेंट और यूरिया की सबसे ज्यादा आवक हाेती है। जिससे डस्ट आसपास की काॅलोनियाें तक पहुँच रही है। कछपुरा मालगोदाम पहुँचने के लिए ट्रकों को भी दमोहनाका, रानीताल चौक से होकर गुजरना पड़ता है, जिसके कारण रानीताल से लेकर यादव कॉलोनी, स्नेह नगर एवं कछपुरा बस्ती के लोगों को हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

सतना और सागर में शिफ्ट हो चुका है मालगोदाम

रेल सूत्रों का कहना है कि जबलपुर रेल मंडल द्वारा सतना स्टेशन के माल गोदाम एवं सागर स्टेशन के माल गोदाम को भी स्टेशन परिसर से हटा कर दूर स्थापित किया गया है। इसका कारण यही बताया जा रहा है कि इनके आसपास आवाजाही ज्यादा होने से लोगों को परेशानियाें का सामना करना पड़ रहा था।

वहीं अब कछपुरा मालगोदाम को भी शिफ्ट करने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। लोगों का कहना है कि जबलपुर रेलवे स्टेशन का लगभग 500 करोड़ रुपए से पुनर्विकास किया जाना है यदि उसमें से कुछ राशि निकालकर कछपुरा मालगोदाम को बंद करके अधारताल, भेड़ाघाट स्टेशन के समीप या फिर कछपुरा के आगे बायपास में नया माल गोदाम बना दिया जाए तो शहर को अगले 20-25 वर्षों तक कोई परेशानी नहीं होगी।

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