जबलपुर: शहर में आधा दर्जन सिग्नल ऐसे हैं जिनमें लेफ्ट टर्न फ्री ही नहीं रहता

  • बाएँ हिस्से में जाने के लिए भी हरी बत्ती का करना पड़ता है इंतजार
  • नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस यह समस्या समझने तैयार नहीं
  • वाहन चालक को लेफ्ट हिस्से में जाना हो तो सिग्नल ग्रीन होने का इंतजार करना ही पड़ता है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-07 08:04 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर में आधा दर्जन ऐसे चौराहे हैं जिनमें किसी भी तरह से दिन के किसी भी वक्त लेफ्ट टर्न खाली ही नहीं रहता। वैसे तो सभी सिग्नल में यह समस्या कॉमन है पर आधा दर्जन के करीब ऐसे चौराहे हैं जिनमें दिन में एक वक्त भी आदमी आसानी से इनके बाएँ हिस्सों से नहीं निकल सकता है।

बाएँ हिस्से में निकलने के लिए वाहन चालक को हरी बत्ती जलने का इंतजार करना ही पड़ता है। रेड लाइट होने पर जो वाहन खड़े होते हैं वे बाएँ हिस्से को घेर लेते हैं जिससे पीछे से आ रहे वाहन चालक को लेफ्ट हिस्से में जाना हो तो सिग्नल ग्रीन होने का इंतजार करना ही पड़ता है।

शहर में बाएँ हिस्सों में चौराहों में कब्जे हैं जिससे समस्या है लेकिन सिग्नल वाले चौराहे में अस्थाई कब्जों की वजह से समस्या ज्यादा बड़ी है। कहीं सिग्नल में बाएँ हिस्से खाली भी रहते हैं तो लोगों काे इसकी जानकारी ही नहीं है कि लेफ्ट टर्न यदि खाली है तो सिग्नल ग्रीन न होने पर आगे जा सकते हैं।

इनमें बाएँ हिस्से खाली नहीं रहते

गोहलपुर सिग्नल

इसमें बाईपास की ओर से आना हो या थाने की ओर से गारमेंट काॅम्प्लेक्स की ओर बाएँ हिस्से में कब्जों की वजह से मुड़ना संभव नहीं हो पाता है।

नगर निगम

नगर निगम की ओर से माडल रोड की ओर जाना मुश्किल है, इसी तरह मानस भवन की ओर से बाएँ हिस्से में मुड़ना हो तो कब्जे रास्ता रोक लेते हैं।

लेबर चौक

रानीताल लेबर चौक में यदि गढ़ा की ओर से एमआर-फोर की ओर जाना हो या फिर स्नेह नगर से लिंक रोड की ओर चारों बाएँ हिस्से में कब्जे रहते हैं।

अहिंसा चौक

इस सिग्नल में तीनों ओर के बाएँ हिस्सों में कब्जा होता है जिससे लेफ्ट टर्न में आगे जाना आसान नहीं होता। इस चौराहे में भी हालत पूरी तरह से पस्त है।

सख्ती के साथ खाली कराए नगर निगम

शहर में पीक आवर्स में लेफ्ट टर्न में निकलने को लेकर परेशान लोगों का कहना है कि नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस को इसमें सख्ती के साथ कार्रवाई करनी चाहिए। ट्रैफिक पुलिस सिग्नल वाले चौराहे में बाएँ हिस्से को खाली रखने को लेकर लोगों को जागरूक कर सकती है।

कुछ कार्रवाई भी की जा सकती है। इसी तरह नगर निगम को जो बाएँ हिस्से में कब्जे हैं उनको हटाना चाहिए ताकि जनता को कुछ राहत मिल सके।

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