जबलपुर: पाँच साल में एक बाल्टी पानी भी साफ नहीं कर सका गुलौआ ताल में बना वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट

  • लापरवाही : दावे ऐसे थे कि नाले के पानी काे साफ कर तालाब में फेंकेगा पर हकीकत इन दावों से बिल्कुल अलग
  • लोग बोले- वाॅटर ट्रीटमेंट के नाम पर अधिकारियों द्वारा किया गया छलावा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-23 09:33 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

गुलौआताल इन दिनों सड़ांध और बदबू मारते पानी की वजह से चर्चा में है। इस तालाब में हर दिन सैकड़ों की संख्या में मछलियाँ ऑक्सीजन की कमी से मर रही हैं और गंदा पानी लोगों की सेहत के लिए तक खतरा पैदा कर रहा है। इस तालाब में ऐसी स्थिति पैदा न हो इसके लिए एक करोड़ रुपए की लागत से एक वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया। इस वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट को लगाते वक्त दावा किया गया कि इससे तालाब का पानी स्वच्छ बनाये रखने में मदद मिलेगी। ट्रीटमेंट प्लांट से न केवल तालाब का पानी साफ किया जाएगा, बल्कि ओमती नाले में जो पानी आता है उसको ट्रीटमेंट कर पानी को तालाब में भेजा जाएगा। प्लान किसी को बताने में तो उम्दा लगता है और कहने-सुनने में भी विश्वास करने लायक पर अफसोस नगर निगम के अधिकारियों ने इस ट्रीटमेंट प्लांट को शो-पीस की तरह लगाया। बीते 5 सालों में बताया जा रहा है कि इस ट्रीटमेंट प्लांट से एक बाल्टी पानी साफ नहीं हो सका। गुलौआताल के किनारे के हिस्से में नाले के करीब यह एक नमूने के तौर पर ट्रीटमेंट प्लांट लगा है और इसका रिजल्ट जीरो है।

शिकायतों का दौर, हासिल कुछ नहीं

मौजूदा वार्ड पार्षद श्रीराम पटेल कहते हैं कि उन्होंने नगर निगम आयुक्त को अनेक शिकायतें करते हुए कहा कि इस वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट को चालू किया जाए। यदि यह चालू हो जाता है तो इससे तालाब का पानी साफ रखने में मदद मिलेगी लेकिन इस पर कोई ध्यान देने ही तैयार नहीं है। इसी हिस्से के पूर्व पार्षद संजय राठौर कहते हैं कि हकीकत में इस वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट को कभी चालू ही नहीं किया जा सका है। जब यह लगा था तब भी क्षेत्र के लोगों ने इसकी शिकायत की थी। कागजों पर ही यह लग सका, इसमें मौलिक रूप से रिजल्ट के लायक कुछ नहीं रहा।

अनदेखी से हालात एकदम बदतर

जिस गुलौआताल के विकास पर लगभग 7 करोड़ रुपए खर्च किये गये। एक करोड़ से ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया और कैफेटेरिया, पाथवे सहित अन्य वर्क हुये इस पूरे हिस्से में अभी हर तरफ गंदगी और बदबू है। कहने को इस हिस्से में 10 सफाई कर्मी रेग्युलर लगाये गये हैं पर लोगों का कहना है कि सब कुछ कागजों में है हकीकत में यहाँ एक कर्मी नजर नहीं आता है। लोगों का कहना है कि ट्रीटमेंट प्लांट को चालू कर यदि तालाब में पानी छोड़ा जाए या बोरवेल से तालाब में पानी छोड़ने की व्यवस्था हो, सफाई नियमित हो तो तालाब जनता को बड़ी राहत दे सकता है।

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