2 से 3 जनरल कोच कम कर इकोनॉमी कोच लगाए जाने से यात्रियों की बढ़ रही मुसीबत

नई परेशानी : 90 की क्षमता वाले डिब्बे में 200 यात्रियों तक का सफर, रिजर्वेशन भी आसान नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-07 09:38 GMT

डिजिटल डेस्क, जबलपुर।

रेल प्रशासन भले ही यात्रियों को राहत और सुविधाएँ देने का दावा कर रहा है, मगर रेलवे के नए प्रयास से आम यात्रियों को अब नई परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। यह नई परेशानी लगातार इकोनॉमी कोच की संख्या बढ़ाया जाना है। हालात यह हैं कि 90 की क्षमता वाले जनरल कोच में 200 यात्रियों तक को लटक कर जान जोखिम में डालकर सफर करने मजबूर होना पड़ रहा है। पूर्व में हर सवारी गाड़ी में औसतन पीछे और आगे मिलाकर 3 से 5 तक जनरल कोच लगते रहे हैं लेकिन अब इनकी संख्या कम होकर 2 से 3 तक रह गई है। इनकी जगह इकोनॉमी श्रेणी के कोचों ने ले ली है। इस वजह से आम यात्रियों को खासकर लंबी दूरी की ट्रेनों में जनरल कोच में सफर करने वालों को मुश्किल हो रही है। जबलपुर मंडल के स्टेशनों पर आवागमन करने वाली कुछ स्थानों की ट्रेनों में तो काफी बुरे हालात में जनरल कोच में सफर करते हुए यात्रियों को देखा जा सकता है।

रेलवे को फायदा

एसी-3 श्रेणी के मुकाबले एसी-3 इकोनॉमी कोच का किराया करीब 10 फीसदी तक कम है, फिर यह रेलवे के लिए फायदे का सौदा है। जनरल के मुकाबले टिकट रिजर्वेशन चार्ज सहित दर 40 फीसदी तक महँगी पड़ती है।

इन रूटों में हो रही ज्यादा दिक्कत

बताया जाता है कि जबलपुर की ओर से सोमनाथ, मुंबई, दिल्ली, गोरखपुर, लखनऊ, पुणे की ओर आवागमन करने वाली ट्रेनों में ऐसे हालात आए दिन बन रहे हैं कि यात्रियों को खचाखच भरे कोचों में सफर करने मजबूर होना पड़ रहा है। खासतौर पर बारिश के इन दिनों में जब रिजर्वेशन कराने वालों की संख्या में कमी आई है, ऐसे हालातों में जनरल काेचों के बुरे हाल हैं।

यात्रियों की संख्या भी बढ़ी

बड़े शहरों या लंबी दूरी के लिए ट्रेनों की संख्या भले ही स्पेशल व वीकली सहित बढ़ी हो लेकिन यात्री संख्या भी 25 से 30 फीसदी तक बढ़ गई है। इस वजह से भी ट्रेनें कम पड़ने लगी हैं। जानकारों का कहना है कि जबलपुर से शुरू होने वाली ट्रेनों की संख्या बढ़ाने से इस तरह की समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।

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