जबलपुर: नामांतरण प्रकरण अब नहीं रहेंगे पेंडिंग

  • 20-21 को फिर शिविर, अतिरिक्त कमाई घटने से कई चिंतित
  • हर माह की 5 और 6 तारीख को ये शिविर लगाए जाएँगे और इसके बाद उसी माह की 20 और 21 को फिर से शिविर होंगे।
  • शिविरों में निराकरण के लिये लगभग पाँच हजार प्रकरण रखे गये थे।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-09 13:29 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अविवादित नामांतरण और बँटवारे के प्रकरणों के निराकरण के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं और उनके जरिए हजारों की संख्या में प्रकरणों का निराकरण हो रहा है। ऐसे में एक वर्ग है जो इस बात पर चिंतित है कि उसकी अतिरिक्त कमाई मारी जा रही है।

वहीं अधिकारियों में इस बात पर खुशी मनाई जा रही है कि नामांतरण और बँटवारे के प्रकरणों की पेंडेंसी समाप्त हो रही है जिससे आने वाले दिनों में इसका लाभ मिलेगा। माह के प्रारम्भ में लगे शिविर में करीब 4 हजार से अधिक ऐसे प्रकरणों का निराकरण हो गया जाे पेंडिंग थे, अब 20 और 21 को फिर से शिविर आयोजित किए जाएँगे।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर दीपक सक्सेना के नुर्देशन में नामांतरण और बँटवारे के प्रकरणों के निराकरण का अभियान चलाया जा रहा है। हर माह की 5 और 6 तारीख को ये शिविर लगाए जाएँगे और इसके बाद उसी माह की 20 और 21 को फिर से शिविर होंगे।

इन शिविरों के दौरान जितने भी प्रकरण रहेंगे सभी के निपटारे का प्रयास किया जाएगा। अभी नामांतरण और बँटवारे को इस अभियान में जोड़ा गया है, आगे सीमांकन और अन्य राजस्व प्रकरणों काे शामिल किया जाएगा।

4082 प्रकरणों का हुआ निराकरण- 5 और 6 जुलाई को लगे शिविर में कुल 4 हजार 082 प्रकरणों का निराकरण हुआ। इनमें जबलपुर तहसील में 508, पनागर में 316, कुंडम में 167, शहपुरा में 256, पाटन में 113, कटंगी में 76, सिहोरा में 400, मझौली में 355, रांझी में 336, गोरखपुर में 607 एवं अधारताल तहसील में 948 प्रकरण शामिल थे।

शिविरों में निराकरण के लिये लगभग पाँच हजार प्रकरण रखे गये थे। जिन प्रकरणों का निराकरण अभी नहीं हुआ है उन्हें 20 और 21 जुलाई के शिविर में फिर से रखा जाएगा।

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