जबलपुर: अंग्रेजों की बनाई परंपरा खत्म, अब चार्जमैन की नहीं होगी गेट पर तैनाती
- एमआईएल से मिले निर्देश, ओएफके प्रशासन ने जारी किए आदेश
- चार्जमैन की गेट ड्यूटी का मुद्दा म्युनिशंस इंडिया लिमिटेड के सीएमडी के समक्ष भी उठाया गया था।
- जानकारों का कहना है कि कई वर्षों के दौरान टेक्नोलॉजी कहाँ से कहाँ पहुँच गई।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान जब कभी भी ऑर्डनेंस फैक्ट्री छूटती थी तो एक बड़े ओहदे के अफसर को गेट पर खड़ा कर दिया जाता था। उन पर ड्यूटी में आने और छूटने के दौरान कर्मचारियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी होती थी, क्योंकि यही वह वक्त होता था जब पूरे कर्मचारी भीड़ की शक्ल में एकजुट होते थे।
ऐसा माना जाता है कि सरकार के खिलाफ किसी तरह के बगावती तेवर न दिखाए जाएँ। इस पर पूरा फोकस रखा जाता था। हैरानी वाली बात यह है कि अंग्रेजों के जाने के दशकों बाद तक निर्माणी इस बेतुकी परंपरा को निभाती रही। अच्छी खबर यह है कि अब इस तरह निगरानी की ड्यूटी को खत्म किया जा रहा है। आयुध निर्माणी खमरिया ने शुक्रवार को इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं कि गेट पर अब चार्जमैन की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी।
ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया के मुख्य महाप्रबंधक एमएन हालदार और आईएएनजीओ की मीटिंग के दौरान इस पर चर्चा भी हुई। मीटिंग में कुछ अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी विचार विमर्श किया गया। इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, आईआर मेकैनिज्म मेंबर ब्रांच सेक्रेटरी अजय यादव, डीसी पांडे, बीवी ओझा, व्ही. संजीव व एम. भट्टाचार्य उपस्थित रहे।
हैड क्वार्टर से मिले निर्देश
एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना रहा कि चार्जमैन की गेट ड्यूटी का मुद्दा म्युनिशंस इंडिया लिमिटेड के सीएमडी के समक्ष भी उठाया गया था। इस पर सीजीएम का कहना रहा कि गेट ड्यूटी को लेकर हैड क्वार्टर पुणे से दिशा-निर्देश मिल गए हैं। इसके बाद इस प्रावधान को समाप्त किया जा रहा है।
कहाँ से कहाँ पहुँच गई टेक्नोलॉजी
चार्जमैन की गेट ड्यूटी को कई वर्षों तक सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से जरूरी समझा जाता रहा। जानकारों का कहना है कि कई वर्षों के दौरान टेक्नोलॉजी कहाँ से कहाँ पहुँच गई। उच्च प्रबंधन को याद दिलाया गया कि पूरी निर्माणी में हाईटैक सर्वेलांस सिस्टम है।
विशेष तौर पर गेटों में एचडी कैमरे और सेंसर्स लगाए जा चुके हैं। पहले से उच्च सुरक्षा वाली एंट्री और एक्टिस प्रोसेस अब बायोमैट्रिक भी हो चुकी है। ऐसे में चार्जमैन की तैनाती करना कहाँ तक उचित है। आखिरकार मुख्यालय ने भी इस बात पर सहमति जताई और ओएफके को गेट ड्यूटी की समाप्ति के निर्देश दिए।