जबलपुर: गोराबाजार के अस्थाई कब्जों ने फोरलेन सड़क को भी चलने लायक नहीं छोड़ा
- शहर के प्रवेश मार्ग पर कब्जों की वजह से शाम के वक्त निकलना मुसीबतों से भरा
- कई बार कार्रवाई तो हुई लेकिन हर कुछ दिन में फिर हो जाते हैं काबिज
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
गोराबाजार से बिलहरी गौर सड़क के कई हिस्सों में अस्थाई कब्जों की वजह से पीक ऑवर्स में निकलना परेशानियों से भरा हो गया है। इस सड़क को वायएमसीए तिराहे से गोराबाजार, बिलहरी और आगे गौर, बरेला तक 70 करोड़ की लागत से फोरलेन में तब्दील किया गया। तीन साल पहले बनी इस सड़क में विशेष तौर पर गोराबाजार के नजदीक कब्जे लंबे समय से समस्या बने हुए हैं। शाम के समय जब हाईवे से आदमी शहर के अंदर तेज गति से आता है तो इस बस्ती के नजदीक अतिक्रमणों की वजह से वाहन की गति को नियंत्रित करना मुश्किल होता है। अतिक्रमण वाहन चालक की परेशानी को बढ़ा देते हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि फल सब्जी की दुकानों से लेकर गुमटियाँ तक वाहन चालकों का रास्ता रोकने आमादा हैं। शहर के पूर्वी हिस्से में चाहे कुण्डम से रांझी की ओर आना हो या फिर बरेला गौर से सदर की ओर, दोनों जगह मुख्य मार्ग पर कब्जे मुसीबत साबित हो रहे हैं।
चौड़ाई बढ़ने से भी फायदा नहीं हुआ
लोगों का कहना है कि जब गौर बरेला सड़क चौड़ाई में कम थी, तब भी गोराबाजार के नजदीक कब्जों की वजह से परेशानी थी और जब सड़क फोरलेन हो चुकी है, तब भी किसी तरह की राहत नहीं है। इसकी वजह यही है कि गुमटियाँ व फलों की दुकानें सड़क तक फैल रही हैं। इन दुकानों में जो खरीददार आते हैं वे भी वाहनों को सड़क पर ही पार्क कर देते हैं। सड़क पर ट्रैफिक न हो तो परेशानी नहीं होती, लेकिन जब ट्रैफिक का पीक ऑवर्स होता है तो जाम के हालात पैदा हो जाते हैं। इस पूरे इलाके में कब्जों को लेकर ठोस कार्रवाई होनी चाहिए। सख्ती के साथ कार्रवाई हो तभी जनता को निकलने के दौरान राहत मिल सकती है।