जबलपुर: टेलीकॉम फैक्ट्री में 25 से 30 तरह के होस्ट प्लांट जहाँ रहती हैं 40 से ज्यादा तितलियों की प्रजातियाँ

  • जैव विविधता का लगभग हर पहलू मौजूद
  • वातावरण में नमी के चलते फल-फूल रहीं कई प्रजातियाँ
  • होस्ट प्लांट्स की मौजूदगी यहाँ के जंगल को तितलियों के लिए एक अच्छा माहौल प्रदान करती है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-24 13:52 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रानीताल स्थित टेलीकॉम फैक्ट्री का जंगल जैव विविधता से भरपूर है। वातावरण में नमी, सैकड़ों तरह के पादपों के चलते यहाँ कई प्रजातियाँ फल-फूल रही हैं। यहाँ बायोडायवर्सिटी का लगभग हर पहलू दिखाई देता है।

फैक्ट्री के जंगल में 25 से 30 तरह के होस्ट प्लांट हैं, जिनमें तितलियों की 40 से ज्यादा प्रजातियाँ होने का अनुमान विशेषज्ञों ने लगाया है। बता दें कि तितलियों का जीवन चक्र अपने होस्ट प्लांट पर निर्भर करता है और हर प्रजाति अपने निर्धारित होस्ट प्लांट पर ही जीवन बिताती है।

सिटीजन फॉर नेचर के सदस्य डॉ. विजय सिंह यादव के अनुसार फैक्ट्री के जंगल में घास से लेकर बरगद जैसे विशाल वृक्ष मौजूद हैं और इनमें से कई पौधे तितलियों की कई प्रजातियों को पनपने में सहायक हैं। होस्ट प्लांट्स की मौजूदगी यहाँ के जंगल को तितलियों के लिए एक अच्छा माहौल प्रदान करती है।

फैक्ट्री के जंगल में इसके अलावा कई तरह के कीट-पतंगों, पक्षियों और सरीसृपों की मौजूदगी है।

यहाँ शिफ्ट हुई होगी जैव विविधता

विशेषज्ञों का कहना है कि शहर का लगभग हर हिस्सा अब कांक्रीट के जंगल में तब्दील हो रहा है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी रहा होगा, जब इन हिस्सों में भी बड़ी संख्या में पेड़-पौधे रहे होंगे। कांक्रीट के जंगल बनने के बाद इन क्षेत्रों की जैव विविधता मुख्य रूप से रानीताल तालाब, गुलौआताल और टेलीकॉम फैक्ट्री के जंगल की ओर ही शिफ्ट हुई होगी। इन क्षेत्रों में आज भी दूसरे क्षेत्रों की तुलना में तापमान कम और वातावरण में नमी देखी जाती है।

पौधे वितरित करेगा संगठन

हरियाली बचाओ अभियान मंच श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन टेलीकाॅम फैक्ट्री ग्राउंड स्थित अखाड़ा वाले हनुमान मंदिर में तुलसी के पौधे वितरित करेगा। मंच के प्रकाश राठौर के अनुसार इसमें टेलीकाॅम फैक्ट्री के जंगल को बचाने के संदेश के साथ पर्यावरण जागरूकता का भी संदेश दिया जाएगा।

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